देहरादून: प्रीकॉशन डोज लगवाने से कतरा रहे है लोग,केवल 1% ही लोगो ने लगवाया डोज

दिल्ली: कोरोनारोधी प्रीकॉशन डोज लगवाने के लिए लोग जेब ढीली करने से कतरा रहे हैं। दो महीने बीतने को हैं, लेकिन देहरादून में एक फीसदी लोगों ने भी प्रीकॉशन डोज नहीं लगाई। लिहाजा, कई प्राइवेट अस्पतालों ने भी दिलचस्पी लेनी बंद कर दी है, क्योंकि उन्हें वैक्सीन खराब होने के साथ नुकसान का डर सता रहा है।

पूरे जिले में महज सात अस्पतालों में ही प्रीकॉशन डोज लग रही है। यहां रोज औसतन सौ से 120 डोज लगाई जा रही है। एक डोज की कीमत 386 रुपये है। जिलेभर में 18 से 59 साल की श्रेणी में 12,55,109 लोगों को प्रीकॉशन डोज लगाने का लक्ष्य है। लेकिन, महज 9,316 लोगों ने ही टीका लगवाया, जो लक्ष्य का महज 0.74 फीसदी है।

उधर, 60 प्लस को मुफ्त प्रीकॉशन डोज दी जा रही है। लेकिन 2,17,657 के लक्ष्य के मुकाबले 84 हजार लोगों ने ही टीका लगवाया। इधर, सीएमओ डॉ. मनोज उप्रेती का कहना है कि कोरोना केस कम हुए हैं, लेकिन संक्रमण का खतरा बरकरार है। लोगों से कोरोनारोधी टीका लगवाने को आगे आना चाहिए। 

:कोरोनारोधी टीकाकरण में सुस्ती को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग काफी चिंतित है। लिहाजा, हर घर दस्तक अभियान शुरू किया गया है। इसके तहत घर-घर जाकर मोबाइल टीमें कोरोनारोधी टीका लगा रही हैं और टीका नहीं लगवाने का कारण भी पूछ रही हैं। इस बारे में उप जिला प्रतिरक्षण अधिकारी यज्ञ देव थपलियाल ने बताया कि इस अभियान को लेकर माइक्रोप्लान बनाया गया है। टीमों ने सर्वे के साथ डोर-टू-डोर टीकाकरण शुरू कर दिया है।

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