कर्नाटक में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल के लिए करना होगा नए सिरे से आवेदन

दिल्लीः कर्नाटक की सरकार ने फ़ैसला किया है कि धार्मिक और अन्य संस्थानों में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल के लिए अगले 15 दिनों में नए सिरे से आवेदन देना होगा. मुख्य सचिव पी रवि कुमार ने पर्यावरण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव जावेद अख़्तर को भेजे एक नोट में कहा है- सभी संबंधित पक्षों को तत्काव प्रभाव से ये ज़रूरी सरकारी आदेश या दिशा-निर्देश भेजा जाए. शीर्ष पुलिस अधिकारियों और अन्य विभागों के शीर्ष अधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई की मुलाक़ात के बाद ये आदेश जारी हुआ है.

इस बैठक में ये स्पष्ट किया गया कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश और राज्य सरकार के पहले के आदेश सख़्ती से लागू होने चाहिए. ध्वनि प्रदूषण (नियमन और नियंत्रण) नियम, 2000 के मुताबिक़ दिन का समय सुबह छह बजे से रात 10 बजे तक निर्धारित किया गया है, जबकि रात्रि का समय रात 10 बजे से सुबह छह बजे तक तय है. नियम के मुताबिक़ रात में लाउडस्पीकरों का इस्तेमाल प्रतिबंधित है. सरकारी नोट के मुताबिक़ जो भी संस्था लाउडस्पीकर के इस्तेमाल के लिए ताज़ आवेदन नहीं करेगी, उन्हें अपने आप लाउडस्पीकर हटा लेना चाहिए, अन्यथा संबंधित विभाग इसे हटा देगा. इसके अलावा लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल को लेकर आवेदन पर फ़ैसला करने के लिए अलग-अलग स्तर पर कमेटी का भी गठन किया जाएगा

बेंगलुरू में जुम्मा मस्जिद के मौलाना मक़सूद इमरान रशीदी ने बीबीसी हिन्दी को बताया- हम मुस्लिम विधायकों और धार्मिक प्रमुखों से चर्चा कर रहे हैं. हम कल तक कोई फ़ैसला लेने की स्थिति में होंगे, इसके बाद ही कोई औपचारिक घोषणा होगी. अपना नाम न ज़ाहिर करने की शर्त पर एक विधायक ने बीबीसी हिन्दी को बताया- ये संभव है कि ये सहमति हो जाए कि सुबह की अज़ान मस्जिद के परिसर में बिना लाउडस्पीकर्स के हो. सोमवार को श्रीराम सेने ने राज्य के कई ज़िलों में मंदिरों में हनुमान चालीसा और भजन का पाठ किया था. वे इसका विरोध कर रहे थे कि राज्य सरकार मस्जिदों से अज़ान को नहीं रोक पा रही है.

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