फर्टिलिटी में सुधार के लिए अपनाएं ये उपाय

आज जीवनशैली, तनाव और डाइट से जुड़ी कई आदतें महिलाओं की प्रजनन क्षमता (Female Fertility) को प्रभावित कर रही हैं। प्रजनन स्वास्थ्य एक महिला की संपूर्ण सेहत और कल्याण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

लेकिन अनियमित पीरियड्स (Irregular Periods), अल्‍कोहल, बीएमआई की समस्याएं, गलत खानपान की आदतें महिलाओं में गर्भधारण की क्षमता को कम कर रही हैं।

ऐसे में जीवनशैली में कुछ बदलाव करने से महिलाओं को यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई), एचआईवी\एड्स, एलर्जी और दूसरे संक्रमण के खतरे से बचने में मदद मिल सकती है।

  डॉक्टर मुस्कान छाबड़ा ( बिड़ला फर्टिलिटी और आईवीएफ) कहती हैं कि महिलाओं को होने वाली कुछ खास प्रकार की समस्याएं जैसे, एंडोमेट्रियोसिस, पीसीओएस, बांझपन, स्त्री रोग संबंधी कैंसर, सिस्ट, फाइब्रॉएड और अन्य मासिक धर्म की समस्याओं पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता हो सकती है।

इसके अलावा, यह जरूरी है कि महिलाओं को अपने जीवन के विकल्प चुनने और फैसले लेने की क्षमता हो, जिसमें कब बच्चे पैदा करने है या नहीं करने हैं, इसका फैसला भी शामिल है। प्रजनन स्वास्थ्य केवल शारीरिक सेहत नहीं होती- इसमें सेहतमंद और सम्मानजनक रिश्‍तों का अधिकार भी होता है।

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