कल शनि करेंगे कुंभ राशि में प्रवेश

शनिदेव 30 साल बाद कुंभ राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। शनि का प्रवेश 29 अप्रैल 2022 को  होगा। शनि का नाम आते ही हर किसी के मन में अनिष्ट की आशंका से मन घबराने लगता है,  लेकिन ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, शनि हमेशा जातक को उसके कर्मों के हिसाब से परिणाम देते हैं।

शनि राशि परिवर्तन का प्रभाव मेष से लेकर मीन राशि तक पर पड़ेगा। कुछ राशि वालों के लिए शनि गोचर लाभकारी साबित होगा, जबकि कुछ राशि वालों के जीवन में मुश्किलें आएंगी।

मेष (Aries)- 29 अप्रैल को शनि के कुंभ राशि में प्रवेश करते ही आपके अच्छे दिन शुरू हो सकते हैं। शनि का गोचर एकादश में भाव होगा। जिसे शुभ व लाभकारी कहा जाएगा। कुंभ राशि में शनि मार्च 2025 तक रहेंगे। इस दौरान आपको कार्यों में सफलता हासिल होगी। आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।

वृषभ (Taurus)- आपकी राशि से शनि दशम भाव में गोचर करेंगे। शनि गोचर आपको लंबित कार्यों को पूरा करने में मदद करेगा। आपके कार्य तेजी से न होकर बल्कि रुक-रुक पूरे होंगे। कार्यों के फल की प्राप्ति में भी विलंब हो सकता है। हालांकि आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है, शनि आपको शुभ फल प्रदान करेंगे।

मिथुन (Gemini)- शनि का गोचर आपकी से नवम भाव में होगा। शनि का यह गोचर आपके कार्यक्षेत्र को प्रभावित करेगा। इस दौरान आपको नौकरी में परेशानी, कार्यों में रुकावट व रिश्तों में मतभेद आदि की स्थिति बनेगी। नौकरी में स्थिति सामान्य बनाए रखने के लिए आपको पूरी ईमानदारी से काम करना होगा। गोचर काल में आपके कार्यों में रुकावट आ सकती है।

कर्क (Cancer)- कर्क राशि वालों को गोचर काल में सावधान रहने की सलाह दी जाती है। शनि का गोचर आपकी राशि से अष्टम भाव में होगा। जिसके कारण आपको शनि ढैय्या का सामना करना पड़ सकता है। शनि के इस गोचर में आपको सतर्कता बरतनी चाहिए वरना गंभीर परिणाम प्राप्त हो सकते हैं।

सिंह (Leo)- शनि का गोचर आपकी राशि से सप्तम भाव में होगा। सप्तम भाव में शनि गोचर से आपको व्यवसाय में शुभ परिणाम मिलेंगे। विदेश से जुड़े कार्यों में सफलता मिल सकती है। अपनी उपलब्धियों पर संयम रखें और अपने व्यवहार को सामान्य बनाए रखें। नौकरी में अवसर मिल सकते हैं।

कन्या (Virgo)- शनि गोचर आपकी राशि से छठवें भाव में होगा। गोचर काल में आपको तरक्की व उपलब्धि मिल सकती है। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले जातकों को लाभकारी परिणाम मिल सकते हैं। लंबे समय से चला आ रहा विवाद खत्म हो सकता है। शत्रुओं पर विजय प्राप्त हो सकती है। मान-सम्मान में वृद्धि हो सकती है।

तुला (Libra)– तुला राशि में शनि का गोचर पंचम भाव में होगा। शनि के प्रभाव से आपको नौकरी, व्यवसाय व शिक्षा आदि के क्षेत्र में सफलता मिल सकती है। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले जातकों के लिए यह गोचर किसी वरदान से कम नहीं है।

वृश्चिक ( Scorpio)- शनि गोचर आपकी राशि से चतुर्थ भाव में होगा। शनि की यह स्थिति आपके लिए अच्छी नहीं मानी जा रही है। इस दौरान आपको शनि ढैय्या का सामना करना पड़ सकता है। शनि गोचर के प्रभाव से आपको कार्यों में विलंब, आलस्य, प्रयासों के बाद भी सफलता का न मिलना आदि का सामना करना पड़ सकता है। 

धनु (Sagittarius)- धनु राशि वालों पर लंबे समय के बाद शनि की साढ़े साती खत्म हो जाएगी। शनि का गोचर आपकी राशि से तीसरे भाव में होगा। इस दौरान आपके पराक्रम में वृद्धि होगी। कठिन कार्यों में सफलता के योग बनेंगे। मान-सम्मान में वृद्धि होगी।

मकर (Capricorn)- मकर राशि वालों के लिए जातकों की उतरती साढ़े साती अच्छी नहीं कही जाएगी। इस दौरान आर्थिक,शारीरिक व मानसिक कष्टों का सामना करना पड़ सकता है। व्यापार में हानि व रिश्तों में अनबन आदि की स्थिति बन सकती है।

कुंभ (Aquarius)- आपकी राशि पर शनि की साढ़ेसाती की मध्य का योग बन रहा है। अगर शनि आपकी कुंडली में शुभ स्थिति में है तो आपको लाभकारी परिणाम देगा। पत्नी की सेहत का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। साझेदारी के कामों में धैर्य रखने की सलाह दी जाती है। इस दौरान आर्थिक हानि हो सकती है।

मीन (Pisces)- मीन राशि वालों के लिए चढ़ती हुई साढ़ेसाती मिश्रित परिणाम प्रदान करने वाली हो सकती है। इस दौरान आपको कष्टकारी परिणाम प्रदान हो सकते हैं। मुख्य रूप से शारीरिक पीड़ा और आर्थिक हानि आदि के योग बनेंगे। 

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