महाराष्ट्र में लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल पर चल रहे विवाद को लेकर सरकार अलर्ट, जल्द ही जारी होंगे दिशा-निर्देश

दिल्लीः महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने कहा है कि प्रदेश के पुलिस महानिदेशक और मुंबई के पुलिस आयुक्त मिलकर सार्वजनिक जगहों पर लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल पर दिशा-निर्देश तैयार करेंगे. उन्होंने जानकारी दी कि ये दिशा-निर्देश एक-दो दिनों में जारी कर दिए जाएँगे

गृह मंत्री ने कहा कि उन्होंने राज्य में क़ानून व्यवस्था की स्थिति पर नज़र रखी है. राज्य में शांति भंग करने की कोशिश करने वालों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के प्रमुख राज ठाकरे ने पिछले दिनों ये कहा था कि अगर मस्जिदों में लाउडस्पीकरों का इस्तेमाल होगा, तो उनके कार्यकर्ता भी हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे. उन्होंने इसके लिए तीन मई तक का अल्टीमेटम दिया था. इसी के बाद प्रदेश में ये बहस का मुद्दा बना हुआ है. महाराष्ट्र के सत्ताधारी नेता राज ठाकरे की आलोचना कर रहे हैं, तो राज ठाकरे का कहना है कि वे किसी भी समुदाय के प्रार्थना के विरोधी नहीं है, उन्हें सिर्फ़ लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल पर आपत्ति है.

इस बीच मुंबई पुलिस ने कहा है कि सोशल मीडिया पर ऐसे पोस्ट्स पर नज़र रखी जा रही है, जो राज्य में सांप्रदायिक तनाव बढ़ा सकते हैं. मुंबई पुलिस के अनुसार ऐसे क़रीब 300 पोस्ट्स डिलीट किए गए हैं. दूसरी ओर नासिक के पुलिस आयुक्त दीपक पांडे ने कहा है कि हनुमान चालीसा या भजन का पाठ करने के लिए अनुमति लेनी पड़ेगी. उन्होंने बताया कि अज़ान के 15 मिनट पहले और 15 मिनट बाद तक इसकी अनुमति नहीं दी जाएगी

उन्होंने बताया कि मस्जिद के 100 मीटर के दायरे में हनुमान चालीसा या भजन का पाठ करने की अनुमति नहीं होगी. दीपक पांडे के मुताबिक़ इस आदेश का मक़सद क़ानून व्यवस्था की स्थिति बहाल रखना है. उन्होंने कहा- सभी धार्मिक स्थानों को तीन मई तक लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल के लिए अनुमति लेनी होगी. तीन मई के बाद अगर किसी को भी आदेश के उल्लंघन का दोषी पाया गया, तो उनके ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई की जाएगी.

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