HDFC और HDFC बैंक का होगा विलय , शेयर्स में तेज़ी
दिल्ली: हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन (HDFC) और HDFC बैंक ने विलय का ऐलान किया है। इस डील के तहत HDFC बैंक में HDFC की 41% हिस्सेदारी होगी। HDFC ने आज, यानी सोमवार को बताया कि आज बोर्ड की मीटिंग में HDFC को HDFC बैंक में विलय की मंजूरी दे दी गई है। इस विलय में कंपनी के शेयरहोल्डर्स और क्रेडिटर्स (कर्ज लेने वाले) भी शामिल होंगे। यह विलय अगले वित्त वर्ष की दूसरी या तीसरी तिमाही तक पूरा होने की उम्मीद है।
HDFC ने कहा कि प्रस्तावित डील का मकसद HDFC बैंक के हाउसिंग लोन पोर्टफोलियो को बेहतर बनाना और इसका मौजूदा कस्टमर बेस बढ़ाना है। HDFC और HDFC बैंक का यह विलय वित्त वर्ष 2024 की दूसरी या तीसरी तिमाही तक पूरा हो जाएगा। मर्जर की खबर के बाद दोनों कंपनियों के शेयर्स में शानदार तेजी देखने को मिल रही है। 31 दिसंबर, 2021 तक HDFC की कुल संपत्ति 6.23 लाख करोड़ रुपए और कारोबार 35,681.74 रुपए है। दूसरी ओर HDFC बैंक की कुल संपत्ति 19.38 लाख करोड़ रुपए है। इन दोनों कंपनियों के मर्जर के बाद HDFC बैंक देश की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी हो जाएगी।
मर्जर की खबर आते ही दोनों कंपनियों के शेयर्स में शानदार तेजी देखने को मिल रही है। सुबह के 10 बजे BSE पर HDFC का स्टॉक 13.60% चढ़ा हुआ था। इसी तरह HDFC बैंक का स्टॉक भी करीब 10% की तेजी में था। दोपहर 2 बजे दोनों कपंनी के शेयर्स में 8% की तेजी देखी जा रही है। HDFC एक हाउसिंग फाइनेंस कंपनी है। जो घर और दुकान सहित अन्य प्रॉपर्टी खरीदने के लिए लोन उपलब्ध कराती है। वहीं HDFC बैंक में बैंक से संबंधित सारे काम होते हैं जैसे सभी तरह के लोन, अकाउंट खुलवाना या FD करना आदि।
सरकारी बैंकों और न्यू-एज फिनटेक कंपनियों से बढ़ते कॉम्पिटीशन के बीच इस मर्जर की जरूरत पहले से महसूस की जा रही थी। मैनेजमेंट ने इस बात पर दांव लगाया है कि विलय से बनने वाली इकाई की बैलेंस शीट बहुत बड़ी होगी जिससे बाजार में होड़ करने का दमखम बढ़ेगा।
यह विलय HDFC लिमिटेड के लिए ज्यादा प्रॉफिटेबल हो सकता है क्योंकि इसका बिजनेस कम प्रॉफिटेबल है। HDFC बैंक के लिहाज से देखें तो इस विलय से यह अपना लोन पोर्टफोलियो मजबूत कर सकेगा। यह ज्यादा लोगों को अपने प्रोडक्ट्स ऑफर कर सकेगा।