पश्चिम बंगाल हिंसाः हाई कोर्ट ने 24 घंटे में रिपोर्ट मांगी, बीजेपी ने की राष्ट्रपति शासन की मांग

दिल्लीः पश्चिम बंगाल के बीरभूम ज़िले में भड़की हिंसा में कम से कम आठ लोगों की मौत की घटना का कलकत्ता हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए चौबीस घंटों के भीतर रिपोर्ट मांगी है.

कोलकाता से बीबीसी के सहयोगी पत्रकार प्रभाकर मणि तिवारी के मुताबिक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इस मामले का खुद संज्ञान लिया था.

इसके अलावा पांच अन्य जनहित याचिकाएं भी दायर की गई थी. बुधवार दोपहर बाद उन पर सुनवाई के बाद अदालत ने बोगटुई गांव को कड़े सुरक्षा घेरे में रखने और घटनास्थल पर चौबीसों घंटे सीसीटीवी कैमरे से निगरानी रखने का निर्देश दिया.

इस मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल पुलिस को 24 मार्च को केस डायरी लाने और दोपहर दो बजे तक मामले की स्टेटस रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया है.

अदालत ने कहा है कि जहां हिंसा हुई वहां किसी भी चीज से छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए. इसके लिए उस जगह पर कैमरे लगाए जाएं.

सबूत इकट्ठा करने के लिए सीएफएसएल टीम दिल्ली से बुलाई गई है. जब तक ये टीम सभी जरूरी चीजें मौके से इकट्ठा नहीं कर लेती है, तब तक उस जगह की कड़ी निगरानी रखी जाएगी.

कलकत्ता हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि सीएफएसएल दिल्ली की टीम तुरंत मौके पर जाए और जांच के लिए साक्ष्य एकत्र करे. साथ ही मामले के चश्मदीदों को जिला न्यायाधीश की सलाह लेते हुए डीजी और आईजीपी की ओर से सुरक्षा मुहैया कराने को कहा गया है

खंडपीठ ने कहा कि सरकार को इस घटना की जांच का एक मौका दिया जाएगा. शीघ्र जांच कर हकीकत को सामने लाना जरूरी है. उसके साथ ही यह सुनिश्चित करना होगा कि मौके से कोई तथ्य या सबूत नष्ट नहीं हो.

अदालत ने चौबीसों घंटे निगरानी करने और जिला जज के साथ विचार-विमर्श कर इस घटना के गवाह और गांव वालों को सुरक्षा मुहैया करने की भी बात कही है. खंडपीठ ने कहा कि उसके अगले आदेश तक कैमरे से निगरानी जारी रहेगी. सीसीटीवी की मॉनिटरिंग जिला अदालत के जज की निगरानी में की जाएगी.

इससे पहले आज राष्ट्रीय महिला आयोग ने घटना का संज्ञान लेते हुए पश्चिम बंगाल पुलिस के प्रमुख को सख़्त से सख़्त कार्रवाई करने के लिए कहा है. इस घटना में महिलाएं और बच्चे भी मारे गए हैं. राष्ट्रीय महिला आयोग ने डीजीपी से चौबीस घंटे के भीतर कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करने के लिए भी कहा है.

महिला आयोग ने डीजीपी से कहा है कि वो व्यक्तिगत स्तर पर इस मामले में दख़ल दें और अभियुक्तों की गिरफ़्तारी सुनिश्चित करें.

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