सिविल सेवा अधिकारियों से बोले पीएम मोदी, आपको फाइलों और फील्ड का फर्क समझना होगा

दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लाल बहादुर शास्त्री प्रशासन अकादमी के एक कार्यक्रम को संबोधित किया.

इस अवसर पर उन्होंने कहा, “बीते वर्षों में मैंने अनेकों बैच के सिविल सेवा अधिकारियों से बात की है, मुलाकात की है, उनके साथ लंबा समय गुजारा है. लेकिन आपका बैच बहुत स्पेशल है. आप भारत की आजादी के 75वें वर्ष में अपना काम शुरू कर रहे हैं.”

“हम में से बहुत से लोग उस समय नहीं होंगे जब भारत अपनी आजादी के 100वें वर्ष में प्रवेश करेगा. लेकिन आपका ये बैच, उस समय भी रहेगा, आप भी रहेंगे. आजादी के इस अमृतकाल में, अगले 25 साल में देश जितना विकास करेगा, उसमें बहुत बड़ी भूमिका आपकी होगी. 21वीं सदी के जिस मुकाम पर आज भारत है, पूरी दुनिया की नजरें हम पर टिकी हुई हैं.”

“कोरोना ने जो परिस्थितियां पैदा की हैं, उसमें एक नया वर्ल्ड ऑर्डर उभर रहा है. इस नए वर्ल्ड ऑर्डर में भारत को अपनी भूमिका बढ़ानी है और तेज गति से अपना विकास भी करना है. आपको एक चीज का हमेशा ध्यान रखना है और वो है 21वीं सदी के भारत का सबसे बड़ा लक्ष्य. ये लक्ष्य है- आत्मनिर्भर भारत का, आधुनिक भारत का. इस समय को हमें खोना नहीं है.”

“ट्रेनिंग के दौरान आपको सरदार पटेल जी के विजन, उनके विचारों से अवगत कराया गया है. सेवा भाव और कर्तव्य भाव का महत्व, आपकी ट्रेनिंग का अभिन्न हिस्सा रहा है. आप जितने वर्ष भी इस सेवा में रहेंगे, आपकी व्यक्तिगत और प्रोफेशनल सफलता का पैमाना यही फैक्टर रहना चाहिए.”

“जब हम सेंस ऑफ़ ड्यूटी और सेंस ऑफ़ पर्पस के साथ काम करते हैं, तो हमें कोई काम बोझ नहीं लगता. आप भी यहां एक सेंस ऑफ़ पर्पस के साथ आए हैं. आप समाज के लिए, देश के लिए, एक सकारात्मक परिवर्तन का हिस्सा बनने आए हैं. आपको फाइलों और फील्ड का फर्क समझते हुए ही काम करना होगा. फाइलों में आपको असली फील नहीं मिलेगी.”

“फील के लिए आपको फील्ड से जुड़े रहना होगा. मेरी ये बात आप जीवन भर याद रखिएगा कि फाइलों में जो आंकड़े होते हैं, वो सिर्फ नंबर्स नहीं होते. हर एक आंकड़ा, हर एक नंबर, एक जीवन होता है. आपको नंबर के लिए नहीं, हर एक जीवन के लिए काम करना है. आप इस बात की तह तक जाइएगा कि जब वो नियम बनाया गया था, तो उसके पीछे की वजह क्या थी.”

“जब आप अध्ययन करेंगे, किसी समस्या की तह तक जाएंगे, तो फिर आप उसका स्थायी समाधान भी दे पाएंगे. आजादी के इस अमृतकाल में हमें रिफॉर्म, परफॉर्म, ट्रांसफॉर्म को नेक्स्ट लेवल पर ले जाना है. इसलिए ही आज का भारत सबका प्रयास की भावना से आगे बढ़ रहा है. आपको भी अपने प्रयासों के बीच ये समझना होगा कि सबका प्रयास, सबकी भागीदारी की ताकत क्या होती है.”

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