आपदा को अवसर बना रहे उत्तराखंड के टैक्सी चालक
उत्तराखंड में पिछले तीन दिनों से जारी बारिश ने प्रदेशभर में कहर बरपाया है। मैदानी जिलों से लेकर पर्वतीय इलाकों में बारिश की वजह से काफी नुकसान पहुंचा है।
पुल बहने, सड़कें टूटने सहित नेशनल हाईवे में ट्रैफिक बाधित हुआ है। सड़कों के टूटने की वजह से जगह-जगह कई यात्री बुरी तरीके से फंस गए हैं।
सबसे बुरा हाल नैनीताल जिले का हुआ है। बारिश और लैंडस्लाइड की वजह से नैनीताल के सभी रास्ते बंद हैं।
कोलकाता से नैनीताल घूमने ओलिविया गांगुली कहते हैं कि बारिश के बाद आई आपदा के बाद टैक्सी संचालकों ने किराया में इजाफा कर दिया।
आरोप लगाया है कि टैक्सी संचालकों ने पर्यटकों से मनमाना किराया वसूला। ‘भारी बारिश की वजह से हम सुबह से ही होटल में फंस गए थे। काठगोदाम रेलवे स्टेशन से हमारी रात 10 बजे ट्रेन थी। बारिश के बाद रास्ते बंद हो गए थे।
हैरानी वाली बात है कि ऐसे मौके पर टैक्सी संचालक 500 से 600 प्रति सवारी ले रहे थे, जबकि पूरी टैक्सी का तीन से साढ़े तीन हजार किराय वसूला जा रहा था’ गांगुली।
टैक्सी ड्राइवर दीपक कहते हैं कि हल्द्वानी रूट बारिश की वजह से पूरी तरह बाधित हो गया था। ऐसे में कालाढूंगी होकर सभी गाड़िया हल्द्वानी पहुंच रहीं थीं। उन्हें खुद नैनीताल से हल्द्वानी पहुंचने में तीन दिन का लंबा समय लगा।
टैक्सी संचालक सिर्फ 300 रुपये प्रति सवारी चार्ज कर रहे थे, जिसको पर्यटकों ने भी ज्यादा बताया। हालांकि, अब राहत की बात है कि मौसम साफ है। बुधवार को नैनीताल में धूप खिली हुई थी।
नैनीताल में मॉल रोड और नैनी झील के किनारे पर स्थित नैना देवी मंदिर में बाढ़ आ गयी है, जबकि भूस्खलनों के कारण एक हॉस्टल की इमारत को नुकसान पहुंचा है।
नैनीताल जिला प्रशासन शहर में फंसे पर्यटकों की मदद के लिए पुरजोर प्रयास कर रहा है। शहर में आने वाले और बाहर जाने वाले वाहनों में सवार यात्रियों को आगाह करने के लिए पुलिस को तैनात किया गया है।
भारी बारिश के बाद हाईवे बाधित हुआ है। जबकि, कई रूटों में ट्रैफिक डायवर्ट किया गया। बारिश के बार शहर के कई हिस्सों में जाम की स्थिति बनी रहीं।यात्रियों से बारिश बंद होने तक ठहरने को कहा जा रहा है।
भूस्खलनों से शहर से बाहर जाने का रास्ता अवरुद्ध हो गया है। रामनगर-रानीखेत मार्ग पर लेमन ट्री रिजॉर्ट में करीब 100 लोग फंस गए हैं और उफान पर बह रही कोसी नदी का पानी रिजॉर्ट में घुस रहा है।