कुमाऊं विवि लाइब्रेरी में ई-बुक्स की संख्या दो लाख के पार,
कुमाऊं विवि ने डिजिटल इंडिया की ओर बढ़ते समय में एक कदम और आगे बढ़ाया है। विवि के पुस्तकालय में ई-बुक्स की संख्या दो लाख के पार पहुंच गई है।
इसके अलावा अन्य पाठ्य सामग्री भी ऑनलाइन उपलब्ध कराई जा रही हैं। विवि मुख्यालय में 1990 में केंद्रीय पुस्तकालय स्थापित किया गया। 1991 में 15 हजार पुस्तकों से लाइब्रेरी की शुरुआत की गई।
वर्तमान में यहां करीब एक लाख 10 हजार संदर्भ पुस्तकें उपलब्ध हैं। यही नहीं सौ से अधिक राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मुद्रित पत्रिकाओं का संग्रह भी है।
करीब 45 हजार ऑनलाइन जर्नल्स शोधार्थियों की मदद को मौजूद हैं। यह खास बात है, कि डिजिटल के दौर में एक लाख 90 हजार ई-बुक्स तथा 3 ऑनलाइन डेटाबेस की सुविधाएं पाठकों को उपलब्ध कराई जा रही हैं।
छात्रों को पढ़ाई का माहौल देने के उद्देश्य से यहां ई-ग्रंथालय व लाइब्रेरी मैनेजमेंट सिस्टम की स्थापना की गई है। यह विवि से जुड़े छात्रों के साथ ही शोधार्थियों के लिए अच्छी खबर है।
केंद्रीय पुस्तकालय में हिमालय रीजन को लेकर प्रकाशित की गई 30 हजार पुस्तकों का संग्रह है। हालांकि हिमालयी रीजन पर किए जा रहे शोध कार्यों के कारण शोधार्थियों की मांग पर ही लाइब्रेरी में यह संकलन किया गया है।
इससे स्पष्ट होता है, कि हिमालय पर शोध करने वाले युवाओं की संख्या कुविवि में खासी है। हालांकि यह भी सच्चाई है, कि हिमालयी परिक्षेत्र के संबंध में बेहद कम शोध किए गए हैं।