छोटे बच्चों को स्कूल भेजने से परहेज कर रहे अभिभावक

रीवा। गत दिवस कक्षा पहली से लेकर कक्षा पांचवीं तक की कक्षाएं भौतिक रूप से संचालित होने लगीं। हालांकि पहले दिन छात्र संख्या बेहद कम रही।

पहली और दूसरी पढऩे वाले छात्र गिनी चुनी संख्या में ही आए। ज्यादातर सरकारी स्कूलों में बच्चे पहुचे ही नहीं। वहीं तीसरी से पांचवीं के छात्रों की संख्या भी काफी कम रही।

भले ही कोरोना महामारी की दूसरी लहर से राहत मिली हो मगर तीसरी लहर आने का अंदेशा है। ऐसे में अभिभावक कम उम्र के बच्चों को स्कूल भेजने से परहेज कर रहे हैं।

प्राइवेट हों या सरकारी स्कूल छात्र संख्या पहली से लेकर 12वीं तक सामान्य दिनों की तुलना में कम ही है। गौरतलब है कि स्कूल संचालकों को स्कूल शिक्षा विभाग ने कोविड गाइड लाइन का कड़ाई से पालन करने के लिए निर्देशित किया है।

50 प्रतिशत छात्र संख्या के साथ कक्षाएं संचालित की जाना है। हालांकि विभाग से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि सामान्यत: पहले दिन स्कूल बच्चे नहीं आते हैं और बाद में एक-दूसरे की देखादेखी स्कूल पहुंचने लगते हैं। हालांकि अभिभावकों की अनुमति के बिना किसी भी छात्र को स्कूल में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।

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