सिसौली में महापंचायत आज,जुटेंगे लाखों किसान
रोका तो हम तोड़ कर जायेंगे: टिकैत
कहा भीड़ कितनी होगी,हम नहीं बता सकते
महापंचायत के बहाने पूर्वी उत्तर प्रदेश गरमाने की तैयारी
प्रशासन अलर्ट, ड्रोन और सीसीटीवी कैमरे रखेगे नजर
लखनऊ,संवाददाता। उत्तर प्रदेश में कल 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर के सिसौली में किसान महापंचायत होने जा रही है। कहते हैं कि देशभर के 500 किसान संगठनों के प्रतिनिधि और किसान सिसौली पहुंचेंगे।
किसान पंचायत के बहाने पश्चिमी यूपी की सियासत गरमाने की प्लानिंग भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत की है। महापंचायत को कई राजनीतिक दलों का अघोषित समर्थन है। किसानों के जमावड़े को देखते हुए लखनऊ से लेकर मुजफ्फरनगर तक सरकार और प्रशासन भी चाक चैबंद है।
प्रशासन ने मुजफ्फरनगर और उसके आसपास के जिलों में आईपीएस भेजे हैं। इस बीच किसान नेता राकेश टिकैत का बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने कहा है कि यदि हमें रोका गया तो हम तोड़कर जाएंगे।किसान महापंचायत में किसानों की कितनी संख्या आएगी, इस बात के सवाल पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, महापंचायत में शामिल होने वाले किसानों की संख्या बता पाना मुश्किल है।
मैं लोगों से वादा करता हूं कि संख्या ज्यादा होगी। उन्होंने आगे कहा कि किसानों को महापंचायत जाने से नहीं रोका जा सकता है। यह कोई सरकारी कार्यक्रम नहीं है। यदि वे रोकेंगे तो हम तोड़कर जाएंगे। टिकैत ने कहा है कि इस महापंचायत के लिए वालंटियर्स को जिम्मेदारी दी गई है।
इमरजेंसी नंबर भी शेयर किए गए हैं। इसके अलावा किसान कल से वहीं पहुंचना शुरू हो गए हैं, ऐसे में उनके लिए सभी व्यवस्थाएं की गई हैं।उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में कल होने वाली किसान महापंचायत पर किसान नेता राकेश टिकैत ने आगे कहा कि कई राज्यों से काफी संख्या में लोग आएंगे। संयुक्त मोर्चे की बड़ी पंचायत है।
संयुक्त मोर्चे की तरफ से 20 लोग वहां बोलेंगे जिनके नाम तय कर दिए गए हैं। 3 कृषि कानूनों व आंदोलन पर चर्चा होगी।महापंचायत के बारे में टिकैत ने बताया कि महापंचायत वाली जगह पर 12-14 स्क्रीन लगाई गईं है जिससे इस जगह पर किसानों की भीड़ न हो पाए। भीड़ को समायोजित करने के लिए 4-5 ग्राउंड की व्यवस्था है।
महापंचायत में किसानों के आने के लिए लगभग 500 बसें किराए पर ली गई हैं। सभी बसें मुजफ्फर नगर से थोड़ा पहले रोकी जाएगी। उम्मीद है कि महापंचायत में पंजाब से करीब दो हजार किसान पहुंचेंगे। इस किसान महापंचायत की पूरी जिम्मेदारी भारतीय किसान यूनियन को दी गई है। राकेश टिकैत के सख्त लहजे वाले बयान अभी के नहीं है।
उन्होंने इससे पहले भी कई बार किसानों को संबोधित कर इस तरह की बयान बाजियां की हैं राजमार्गों की निगरानी में हजारों पुलिसकर्मियों की तैनाती रहेगी। ड्रोन से भी बाहर से जिले में आने वालों पर नजर रखी जाएगी।
पुलिस की माने तो सिसौली में किसान महापंचायत से पहले प्रशासन ने पीएसी की आठ कंपनियों को तैनात किया है, जिसमें एक हजार से अधिक कर्मियों और मेरठ क्षेत्र के जिलों के लगभग एक हजार से अधिक पुलिसकर्मी शामिल हैं।
एसएसपी मुजफ्फरनगर अभिषेक यादव ने कहा कि सहारनपुर, मेरठ, गाजियाबाद, शामली और बागपत जिलों के अलावा मुजफ्फरनगर के करीब एक हजार पुलिसकर्मी 5 सितंबर को कार्यक्रम स्थल की ओर जाने वाले राजमार्गों और लिंक रोड की निगरानी करेंगे।
डिजिटल कैमरों से लैस विशेष ड्रोन हर सेकेंड घटना की लाइव तस्वीरें भेजेंगे। सुरक्षा के लिहाज से मुजफ्फरनगर के चैराहों पर सीसीटीवी लगाए जाएंगे। बीकेयू द्वारा बुलाई गई और केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ कई संगठनों द्वारा समर्थित किसान महापंचायत मुजफ्फरनगर में राज्य सरकार के इंटर कॉलेज के मैदान में होगी।
आयोजकों ने दावा किया है कि यह किसानों की अब तक की सबसे बड़ी सभा होगी। बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड विधानसभा चुनावों में भाजपा की हार सुनिश्चित करने के लिए पश्चिम बंगाल मॉडल को पुनर्जीवित करने की रणनीति तैयार करेंगे।भारतीय किसान संघ के धर्मेंद्र मलिक ने बताया कि नरेंद्र मोदी सरकार तीन कठोर कृषि कानूनों के बारे में शिकायतों को सुनने के लिए तैयार नहीं है, जो किसानों के लिए मौत की घंटी बजाने के लिए तैयार हैं और कुछ चुनिंदा पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाए गए हैं।
स्थानीय खापों और किसान संघों के अलावा सभी गैर-भाजपा दलों ने महापंचायत को अपना समर्थन दिया है। आरएलडी की मुजफ्फरनगर इकाई के प्रमुख प्रभात तोमर ने कहा कि वह मुजफ्फरनगर में कम से कम 10,000 किसानों के ठहरने की व्यवस्था करेगे।
हम उम्मीद कर रहे हैं कि यूपी, हरियाणा और पंजाब से बड़ी संख्या में असंतुष्ट किसान जो तीन कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए लड़ रहे हैं और वो लोग मुजफ्फरनगर में इकट्ठा होंगे। हमने यह सुनिश्चित करने के लिए उनकी सेवा करने का फैसला किया है कि उन्हें महापंचायत में भाग लेने के लिए परेशानी का सामना न करना पड़े।