उपचुनावों मे भाजपा दमोह में हुई गलती नहीं दोहराना चाहती
भोपाल। मध्यप्रदेश में अक्टूबर या नवम्बर में होने वाले लोकसभा तथा तीन विधानसभा उपचुनाव का मोर्चा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद संभाल लिया है। उन्होंने हाल ही में खंडवा लोकसभा क्षेत्र की दो बार यात्राएं की हैं और वहां अनेक विकास कार्यों का ऐलान किया है।
मुख्यमंत्री आने वाले दिनों में जोबट पृथ्वीपुर और रैगांव विधानसभा क्षेत्र का भी दौरा करेंगे तथा वहां की समस्याओं को हल करने के लिए घोषणाएं करेंगे। मुख्यमंत्री की कोशिश है कि कानून और व्यवस्था को चुनावी मुद्दा ना बनाया जा सके।
हाल ही में नीमच की घटना को कांग्रेस ने तूल दिया है क्योंकि वहां पर एक आदिवासी की बर्बरतापूर्वक हत्या कर दी गई थी। इसके पहले नेमावर में आदिवासी परिवार के पांच सदस्यों की हत्या का मामला भी अभी ठंडा नहीं पड़ा है।
नीमच की घटना को गंभीरता से हुए मुख्यमंत्री ने गत दिवस बालाघाट में ऐलान किया कि अपराधियों को कुचल दिया जाएगा और ऐसी सजा दी जाएगी कि वह अपराध करने से पूर्व 17 बार सोचेंगे।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ नीमच की घटना को आदिवासियों के बीच उठाने की रणनीति बना चुके हैं। भाजपा ने इसकी काट के लिए मुख्यमंत्री को आगे किया है। मुख्यमंत्री खुद कानून व्यवस्था को मॉनिटर कर रहे हैं।
भाजपा इस बार दमोह उपचुनाव में हुई गलतियों को नहीं करना चाहती। इस कारण से संगठन की ओर से विष्णु दत्त शर्मा और शिव प्रकाश दोनों ही उपचुनाव को मॉनिटर करेेंगे।
भाजपा का आंतरिक आंकलन है कि बुंदेलखंड की पृथ्वीपुर और मालवा निमाड़ की जोबट विधानसभा सीट भाजपा के लिए कठिन चुनौती है यह दोनों सीटें कांग्रेस की गढ़ हैं। पृथ्वपीपुर में स्वर्गीय बृजेंद्र प्रताप सिंह को भाजपा कभी हरा नहीं पाई इसी तरह जोबट में भी भाजपा कई बार हारी है।
पार्टी इन दोनों सीटों के लिए और विशेष रणनीति बना रही है। प्रदेश के सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया को पृथ्वीपुर और चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग को जोबट की जवाबदारी दी गई है। दोनों ही मंत्री संगठन कुशल और तेजतर्रार हैं।
प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ गई है। कुछ घटनाओं से ऐसा लगता है कि सुनियोजित साजिश के तहत इसे अंजाम दिया जा रहा है। खास करके भारत विरोधी गतिविधियां साजिश हो सकती हैं। इसलिए इसकी जांच चल रही है।
इन घटनाओं के अलावा भी उज्जैन में रद्दी वाले को जय श्रीराम के नारे लगाने के लिए मजबूर करना। महिदपुर में एक फेरीवाले की पिटाई। रीवा में दबंग द्वाराकिए जा रहा अत्याचार सहित हाल ही में ऐसी कुछ घटनाएं हुई हैं जिससे पता चलता है कि प्रदेश में कानून और व्यवस्था की स्थिति सुधरने की आवश्यकता है।
इस मुद्दे पर स्थानीय कांग्रेस भाजपा को पूरी तरह से घेर नहीं पा रही है इसलिए कमलनाथ ने खुद मोर्चा संभाला है। भाजपा को यही चिंता है कि वहीं कानून और व्यवस्था चुनावी मुद्दा ना बन जाए। इस संबंध में पूर्व मुख्यमंत्री ने गृह विभाग को कड़े कदम उठाने के लिए कहा है।
अपराधियों पर रासुका लगाने और उनकी संपत्ति को नष्ट करने के निर्देश भी जारी किए गए हैं। नीमच में मुख्य आरोपी के घर को जमींदोज कर दिदया प्रशासन ने तेवर दिखाए हैं।