सिर पर बाढ़, दोनों मोटर बोट कबाड़

बांदा,संवाददाता। केन नदी बाढ़ के मुहाने पर आ खड़ी हुई है। यह खतरा अभी दो महीने तक बरकरार रहेगा। दूसरी तरफ जिला प्रशासन की बाढ़ तैयारियां कितनी चैकस हैं इनकी बानगी शहर के नजदीक स्थित केन नदी में भूरागढ़ घाट पर उपलब्ध दो सरकारी मोटर बोट हैं।
यह दोनों कबाड़ हो गई हैं।

नदी किनारे खड़ी मोटर बोट की देखरेख न होने से इसके अंदर घास-फूस तक उग आई हैं। दोनों मोटर बोटों की न तो जिम्मेदार विभाग और न ही प्रशासन के अफसर सुध लेने की जहमत उठा रहे हैं। बाढ़ में दोनों मोटर बोटों के बहने का भी खतरा सिर पर मंडराने लगा है। राजस्व विभाग के अफसर नपा तुला जवाब देकर पल्ला झाड़ रहे हैं।

केन नदी की बाढ़ शहर के कुछ इलाकों समेत एक सैकड़ा से ज्यादा गांवों को तबाह या प्रभावित करती है। पिछली ऐसी कई बानगी हैं। इसी के मद्देनजर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2005 में यहां के लिए दो मोटर बोट उपलब्ध कराए थे।

शुरू के वर्षों में इन मोटर बोट से बड़ी संख्या में बाढ़ पीड़ितों को राहत मिली, लेकिन कुछ ही दिन बाद लाखों रुपये कीमत की दोनों मोटर बोट के जिम्मेदार राजस्व विभाग के अफसरों ने नजरें फेर लीं। नतीजे में यह धीरे-धीरे दोनों मोटर बोट बेकार होते गए। वर्ष 2015 से दोनों मोटर बोट (नंबर 477 व 478) पूरी तरह ठप होकर भूरागढ़ के पास केन नदी के किनारे खड़े हो गए हैं।

देखरेख के अभाव में इनके अंदर घास-फूस उग आई है। बाढ़ की तेज जलधारा पार करने के लिए कोई साधन नहीं बचा है। अधिकारी भी अनदेखी कर रहे हैं। छह वर्षों से इन्हें दुरुस्त कराने की जरूरत नहीं समझी। इन दिनों बाढ़ के आसार हैं। केन नदी का जलस्तर बढ़ता जा रहा है। नदी किनारे आबाद ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर लाने की व्यवस्था प्रभावित हो सकती है।

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