यमुना के जल स्तर ने पिछले उच्चतम रिकार्ड तोडे
बांदा,संवाददाता। यमुना के जलस्तर ने शनिवार सुबह अपने पिछले उच्चतम रिकॉर्ड को तोड़ दिया। रौद्र रूप धारण कर चुकी यमुना खतरे के निशान से साढ़े चार मीटर ऊपर बह रही है। जलस्तर बढ़ने से यमुना का पानी नगर में नालों के माध्यम से मोहल्लों में घुस गया। बुजुर्गों का कहना है कि 1996 में यमुना ने अपना रौद्र रूप दिखाया था।
इसके बाद अब लग रहा है।जिससे कई मोहल्लों के घरों में पानी घुसने लगा। लोगों ने पचपिण्डा देवी मंदिर व छंगे आश्रम मंदिर, सहित ऊंचे स्थानों में पहुंच गए है। कुछ लोग घरों की छत पर जीवन गुजारने पर मजबूर हैं। शहर हो या गांव दोनों जगह नाव से आवागमन हो रहा है।
जिलाधिकारी ने बाढ़ को देखते हुए लोगों को एडवाइजरी जारी की है। शुक्रवार को यमुना का जलस्तर रिकॉर्ड 112.64 मीटर दर्ज किया गया। यमुना में आई भीषण बाढ़ को लेकर शनिवार शाम केंद्रीय जल आयोग ने बताया कि शाम 5 बजे यमुना का जलस्तर 112.64 मीटर रिकॉर्ड किया गया है।
जल आयोग के मुताबिक यमुना का जलस्तर बढने की रफ्तार में कमी आई है, लेकिन जलस्तर अभी भी बढ़ रहा है। जहां बीते दिनों जलस्तर वृद्धि की रफ्तार लगभग 15 सेमी प्रति घंटा थी। वह अब महज 1 से 2 सेमी प्रति घंटा की रफ्तार से बढ़ रहा है। इधर, नगर में पचपिंडा देवी रोड, कदौरा फाटक, टॉकीज रोड, इलाहाबाद बैंक रोड पर बाढ़ के पानी का पानी उफना जाने से पैदल आवागमन बंद हो गया। पूरे मोहल्ले के घरो में काफ ी ऊचाई तक पानी भर गया है।
लोग नाव के सहारे आवागमन कर रहे हैं। कुछ लोगों ने बाढ़ से बचाव हेतु छतों का सहारा लिया है तो कुछ लोग दूसरे ऊंचे स्थानों पर पहुंच गए हैं। उधर, जलस्तर बढ़ने से कांशीराम कालोनी वासियों का भी नगर से संपर्क टूट गया व सैकड़ों परिवार बाढ़ में घिर गए हैं। वहीं आलमपुर में नाले किनारे की बस्ती मे भीड़ पानी पहुंचने से लोग परेशान हैं।
छंगे आश्रम के आगे तक पानी पहुंच गया है। वहीं राजघाट मोहल्ला चारों ओर पानी से घिर गया है। उधर, यमुना पुल पर भी कोठियों के खंभे पूरे डूब चुके हैं। पुल से बाढ़ का पानी करीब दिखाई दे रहा है। बाढ़ देखने लिए सैकड़ों लोग पुल पर जा रहे हैं, जो खतरे से खाली नहीं है। उधर दर्जनों गांवों के लोग भी बाढ़ में घिरे हैं।