हरित अर्थव्यवस्था और पर्यावरण दोनों एक-दूसरे के पूरक
बांदा,संवाददाता। हरित अर्थव्यवस्था और सतत पर्यावरण दोनों एक दूसरे के पूरक हैं। दोनों का संरक्षण आवश्यक है। यह बात यहां राजकीय महिला स्नाकोत्तर महाविद्यालय में प्रकृति संरक्षण दिवस आयोजित गोष्ठी में सहायक प्रोफेसर, प्रयागराज डॉ. पंकज सिंह ने कही। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ संयुक्त तत्वावधान में महाविद्यालय में पर्यावरण जन जागरूकता विषय पर गोष्ठी और निबंध प्रतियोगिता हुई।
क्षेत्रीय अधिकारी (उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) घनश्याम ने प्राकृतिक संपदा के संरक्षण का संदेश दिया। डॉ. माधवी कमलवंशी (सहायक वैज्ञानिक अधिकारी) ने भी पर्यावरण के प्रति जागरूक किया। प्राचार्य डॉ. दीपाली गुप्ता ने पौराणिक कहानी के माध्यम से संदेश देने का प्रयास किया। कहा कि जीवित वृक्षों को काटना पाप और वृक्ष लगाना पुण्य है।
निबंध प्रतियोगिता में छात्रा साईं विभूति प्रथम, संध्या देवी द्वितीय और कौसर हुसैन तृतीय रहीं। निबंध प्रतियोगिता के निर्णायक डॉ. सबीहा रहमानी, माधवी कमलवंशी, डॉ. अंकिता तिवारी रहीं। संयोजक डॉ. जय कुमार चैरसिया और सह संयोजक डॉ. माया वर्मा रहीं। छात्राओं को पर्यावरण बचाने के लिए पौधे भी दिए गए।