विपक्ष का सदन में काम रोको प्रस्ताव

रायपुर : छत्तीसगढ़ में मतांतरण (धर्मांतरण) की गूंज बुधवार को सदन में सुनाई दी। विपक्षी पार्टियों ने सरकार के संरक्षण में बांग्लादेशी व रोहिंग्या को बसाने और मतांतरण कराने का आरोप लगाया। कहा कि वनवासी और आदिवासी क्षेत्रों के बाद मतांतरण कराने वाले अब मैदानी क्षेत्रों में सक्रिय हो गए हैं।
इससे न केवल राज्य की कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब हो रही है बल्कि राज्य पूरी संस्कृति खतरे में है। काम रोको प्रस्ताव के जरिये इस पर सदन में चर्चा की मांग करते हुए विपक्षी सदस्यों ने पूरे मामले की हाई कोर्ट के मौजूदा या सेवानिवृत्त जज से जांच कराने की मांग की। हालांकि अध्यक्ष डा. चरणदास महंत ने प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया, लेकिन उन्होंने इस पर चर्चा कराने का आश्वासन दिया है।

 

सदन में बुधवार को यह मामला शून्यकाल में उठा। प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा के बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि बंगलादेशियों और रोहिंग्या लोगों को बसाने से हमारे राज्य की अर्थव्यवस्था और कानून- व्यवस्था बिगड़ रही है।
उन्होंने आरोप लगाया कि उनके विधानसभा क्षेत्र (रायपुर दक्षिण) में ऐसे करीब ढ़ाई हजार लोगों का आधारकार्ड समेत अन्य दस्तावेज बना दिए गए हैं। उन्होंने कहा मतांतरण के राज्य में एक हजार से ज्यादा शिकायतें हैं, लेकिन एफआइआर दर्ज नहीं की जा रही है। इस दौरान उन्होंने राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों में हुई इससे संबंधित घटनाओं का भी उल्लेख किया।
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि राज्य में मतांतरण को लेकर हमारे पर बहुत सारे तथ्य और प्रमाण हैं। इस प्रस्ताव पर चर्चा कराई जाए तो हम वह सब सदन में दे सकते हैं।

 

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