विभिन्न मांगों के निस्तारण के लिए मनरेगा कार्मिकों ने धरना दिया

लखनऊ,संवाददाता। उत्तर प्रदेश मनरेगा कर्मचारी महासंघ ने विभिन्न मांगों के निस्तारण के लिए इकोगार्डन में अर्धनग्न अवस्था में महाधरना दिया। इस दौरान हजारों की संख्या में पहुंचे मनरेगा कार्मिकों ने जमकर नारेबाजी करते हुए वर्षो से काम कर रहे कार्मिकों का जेम पोर्टल के माध्यम से उत्पीड़न करने का आरोप लगाया।

इस महाधरने की अध्यक्षता संयोजक भूपेश सिंह और संचालन अतुल राय महामंत्री ने किया। इस धरने को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के पदाधिकारियों ने भी सम्बोधित किया। धरने के उपरान्त मुख्यमंत्री को सम्बोधित 15 सूत्रीय ज्ञापन मांग पत्र भेजा गया।

महाधरने में मनरेगा योजना के समस्त रोजगार सेवक, कम्प्यूटर आपरेटर, लेखा सहायक, तकनीकी सहायक, खण्ड तकनीकी सहायक और अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी संवर्ग हजारों पुरूष एवं महिला कर्मचारियों को सम्बोधित करते हुए मनरेगा कार्मिक कल्याण संगठन के विकास श्रीवास्तव, मनरेगा इंजीनियर्स एसोसिएशन के धीरेन्द्र द्विवेदी, मनरेगा तकनीकि सहायक वेलफेयर के अमर सिंह,राजेश मिश्रा, कम्पयूटर आपरेटर वेलफेयर एसोसिएशन के शम्मी सोनकर, संदीप कुमार, प्राइवेट कम्प्यूटर आपरेटर वेलफेयर के सुभाष प्रसाद, नरेगा तकीकी सहायेगा वेलफेयर एसो. के रघुनाथ पटेल, लेखा संघ के भीखा यादव, राजीव साहू, तकनीकि खण्ड सहायक एसोत्र के राजेश मिश्रा और महासंघ के आशुतोष द्विवेदी और विजय द्विवेदी ने सम्बोधित करते हुए चेतावनी दी कि अगर जेम पोर्टल व्यवस्था तत्काल प्रभाव से न रोकी गई तो यह बहुसंख्या विधानसभा स्थिति नरेगा सेल का घेराव कर प्रदर्शन करेगी।

वक्ताओं ने अपने सम्बोधन में कहा कि महासंघ लम्बे अरसे से मनरेगा कार्मिकों की समस्याओं के समाधान की मांग करता आ रहा है। सरकार द्वारा मांगे तो पूरी नही की गई बल्कि एक और दण्डात्मक हाथियार के रूप में जेम पोर्टल खड़ा कर दिया। 7 जुलाई 2021 को अपर मुख्य सचिव पंचायती राज और ग्राम्य विकास से वार्ता निराशाजनक रही।

इसके उपरान्त महासंघ ने अपनी मांगों की पूर्ति के लिए क्रमश विकास खण्ड , जनपद स्तर पर विरोध दर्ज कराया। उन्होंने बताया कि मनरेगा महासंघ की मुख्य मांगों में जेम पोर्टल योजना पर प्रतिबंध लगाया जाए। मनरेगा कार्मिकों के पद सृजित किए जाए। दिवंगत मनरेगा कार्मिकों के आश्रितों को उनकी योग्यतानुसार सेवायोजित किया जाए।

मनरेगा कार्मिकों का ईपीएफ का नियोक्ता अंशदान निर्गत किया जाए। संविधान के अनुच्छेद 21 की परिधि में मनरेगा कार्मिकों को लाया जाए। महंगाई देखते हुए मानदेय में वृद्धि की जाए। प्राइवेट कप्युटर आपरेटरों को समायोजित किया जाए।

वित्तीय अनियमिता में एकतरफा कार्रवाई रोककर विभागीय कार्मिको का दायित्व सुनिश्चित किया जाए। जाॅब चार्ट में संशोधन किया जाए। समस्त मनरेगा कार्मिकों को ईपीएफ और ईएसआई से आच्छादित किया जााए। एचआर पालिसी और तबादला नीति लागू की जाए।

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