ओबीसी आरक्षण के लिए बड़ा कदम उठा सकती है मोदी सरकार

दिल्ली: केंद्र ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) लिस्ट पर राज्यों की शक्ति को बहाल करने के लिए एक संवैधानिक संशोधन को अंतिम रूप दिया है। इसे मई में सुप्रीम कोर्ट ने ये कहकर खारिज कर दिया था कि राज्य सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (एसईबीसी) की लिस्ट तय नहीं कर सकती। बल्कि केवल राष्ट्रपति उस लिस्ट को नोटिफाई कर सकते हैं। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने अनुच्छेद 342A में एक संशोधन तैयार किया है। इसके तहत राज्य सरकारों के पास संबंधित राज्य सूचियों में शामिल किए जाने के लिए ओबीसी या सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों की पहचान करने की शक्ति है। जानकारी के अनुसार, कानून मंत्रालय ने इस संशोधन की समीक्षा की है।

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से इकनॉमिक टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि सरकार संवैधानिक संशोधन की पूरी तैयारी कर चुकी है। बस इसे संसद में पेश करने के लिए समय तय करना बाकी है। बता दें कि सोमवार से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में अब तक संविधान संशोधन को पेश करने और पारित करने के लिए सूचीबद्ध नहीं किया गया है। दरअसल, इसी महीने की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 324A की व्याख्या के आधार पर मराठा समुदाय के लिए कोटा को खत्म करने के अपने 5 मई के आदेश के खिलाफ केंद्र की समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया था। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के लिए 2018 में संविधान में 102वें संशोधन के माध्यम से अनुच्छेद 324A लाया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने तीन-दो के बहुमत से 102वें संशोधन को सही ठहराया था। बहुमत से 102वें संविधान संशोधन को वैध करार दिया मगर कोर्ट ने कहा कि राज्य  सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (एसईबीसी) की लिस्ट तय नहीं कर सकती। बल्कि केवल राष्ट्रपति उस लिस्ट को नोटिफाई कर सकते हैं।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker