रायल्टी घटने, अवैध खनन बढ़ने से गिरी गाज
बांदा,संवाददाता। चैदह करोड़ रुपये से ज्यादा रायल्टी घटी। अवैध खनन और ओवर लोडिंग लगातार बढ़ी। अंततः बांदा के खनिज अधिकारी पर गाज गिर गई। प्रदेश की भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशक डॉ. रोशन जैकब ने यहां के जिला खान अधिकारी सुभाष सिंह को निलंबित कर दिया है। अपनी संस्तुति शासन को भेजते हुए निलंबित खान अधिकारी को लखनऊ स्थित निदेशालय से संबद्ध किया है।
खनिज अधिकारी सुभाष सिंह पर शुरू से ही आरोपों की बौछार थी। अवैध खनन और ओवर लोडिंग से खदान पट्टाधारकों की आमद भले ही कई गुना बढ़ गई हो, लेकिन खनिज विभाग के राजस्व में भारी गिरावट आई। पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष रायल्टी,राजस्व में 14 करोड़ 93 लाख 67 हजार 372 रुपये की गिरावट आई। पिछले 2020-21 में जहां 72 करोड़ 40 लाख 70 हजार 724 रुपये राजस्व आया था, वहीं चालू वर्ष 2021-22 में जून तक मात्र 57 करोड़ 47 लाख 3 हजार 352 रुपये जुटाए जा सके।
शासन ने चालू वर्ष में खनिज विभाग का वार्षिक लक्ष्य 4 अरब रुपये निर्धारित किया है। जून तक मात्र 16 फीसदी लक्ष्य पूर्ति हो पाई है। उधर, निलंबन कार्रवाई के घेरे में आए मौजूदा खनिज अधिकारी सुभाष सिंह पर अवैध खनन और ओवर लोडिंग आदि के आए दिन आरोप लगते रहे। पिछले माह जून में उजरेहटा खदान में संयुक्त टीम की जांच में कई ओवरलोड ट्रक सीज कर दिए थे।
इस पर ट्रक आपरेटर्स,ट्रासंपोटर्स ने जिलाधिकारी आनंद कुमार सिंह को शिकायतीपत्र देकर खनिज अधिकारी पर खदान संचालकों से साठगांठ करके निर्दोष ट्रकों को सीज करने का आरोप लगाया था। इसी वर्ष मार्च माह में खनिज निदेशक ने बांदा की कई खदानों का आकस्मिक निरीक्षण किया था। तीन पट्टाधारकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर इन्हें ब्लैक लिस्ट करने के आदेश दिए थे।
इनमें जौहरपुर, कनवारा व पथरी खदानें शामिल थीं।खनिज के खजाने को चूना लगाकर खदान संचालकों और इस पेशे से जुड़े लोगों द्वारा अपनी जेब भरने का खेल नया नहीं है। निलंबन की कार्रवाई भी पहली बार नहीं हुई। इसके पहले जून 2019 में इन्हीं खनिज निदेशक डॉ. रोशन जैकब ने बांदा की कई खदानों का औचक निरीक्षण किया था। अवैध खनन सहित कई अनियमितताएं पकड़ीं थीं।
निदेशक ने तत्कालीन खनिज अधिकारी शैलेंद्र सिंह के निलंबन और स्थानांतरण की कार्रवाई करते हुए उन्हें निदेशालय से संबद्ध कर दिया था। साथ ही चार खदानों के खिलाफ एफआईआर के आदेश दिए थे। यह बात अलग है कि इस कार्रवाई के सिर्फ 23 दिन पहले 27 मई को निदेशक ने खनिज अधिकारी शैलेंद्र सिंह को अच्छे कार्य के लिए लखनऊ में सम्मानित किया था। तत्कालीन खनिज मंत्री अर्चना पांडेय ने प्रशस्तिपत्र दिया था।