ओलंपिक गोल्ड से प्रेरित होकर निशानेबाज बनीं अपूर्वी चंदेला

नई दिल्ली। 2008 बीजिंग ओलंपिक में गोल्डन निशाना लगाकर भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतने वाले निशानेबाज अभिनव बिंद्रा की जीत से प्रेरित होकर अपूर्वी चंदेला ने भी निशानेबाज बनने की ठान ली।

हालांकि, इससे पहले वह खेल पत्रकार बनना चाहती थीं, मगर बिंद्रा को ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतता देखकर, 15 साल की उम्र में इसी सपने को अपूर्वी ने भी जीना शुरू कर दिया।

इसका आलम यह रहा कि एक बार फिर से वह टोक्यो ओलंपिक में अपने सपने को साकार करने के लिए सटीक निशाना लगाने पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं।  28 साल की अपूर्वी का यह लगातार दूसरा ओलंपिक है और इस बार वह पदक पर निशाना लगाकर स्वदेश लौटना चाहती हैं।

साल 2016 रियो ओलंपिक में वह अपनी अपेक्षाओं के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर सकी थीं। दैनिक जागरण से खास बातचीत में ओलंपिक की तैयारी को लेकर 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में भाग लेने वाली अपूर्वी ने कहा, ‘क्रोएशिया में टीम के साथ तैयारी काफी शानदार चल रही है।

अभ्यास के साथ-साथ मैचों में खेलने का भी अनुभव मिल रहा है, जो कि आगामी ओलंपिक से पहले हमारे लिए काफी जरूरी है। मेरी कोशिश रहेगी कि मैं इस बार देश के लिए पदक जीतकर जरूर लेकर आऊं।’

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