यूपी में कोरोना के एक्टिव केस 4000 से कम, रिकवरी रेट 98.5 फीसदी पार

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में वैक्सीनेशन की रफ्तार में बढ़ोत्तरी के बीच कोरोना के एक्टिव मामलो की संख्या चार हजार से कम हो गई है हालांकि सरकार ने लोगों से सतर्कता बरतने और कोविड प्रोटोकाल का ईमानदारी से पालन करने की सलाह दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को टीम-9 की बैठक में कहा कि कोरोना महामारी की स्थिति नियंत्रण में है। कुल एक्टिव कोविड केस की संख्या 4000 से कम हो गई है। वर्तमान में 3,910 कोरोना मरीज उपचाराधीन हैं। सोमवार को 16 जिलों में संक्रमण के नए मामले नहीं मिले, जबकि 55 जिलों में नए केस इकाई में आए हैं।

सीएम बताया कि प्रदेश में कोरोना से स्वस्थ हुए लोगों की संख्या 16 लाख 78 हजार 486 हो चुकी है। प्रदेश की कोविड रिकवरी दर 98.5 फीसदी हो गई है, जबकि पॉजिटिविटी दर0.1 फीसदी है। प्रदेश में अब तक 5,57,30,488 टेस्ट हो चुके हैं। जून माह में अब तक 0.2 फीसद पॉजिटिविटी दर रही है। यह कोरोना संक्रमण के नियंत्रित होने का सूचक है। उन्होंने कहा कि पिछले 24 घंटे में प्रदेश में दो लाख 44 हजार 275 कोविड टेस्ट किए गए। इसी अवधि में संक्रमण के 255 नए मामले आये हैं, जबकि 397 मरीज उपचारित होकर स्वस्थ हुए हैं। 2,525 लोग होम आइसोलेशन में हैं।

सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से कोविड वैक्सीनेशन अभियान नई दिशा को प्राप्त कर रहा है। 21 जून को पहले दिन निधार्िरत ०6 लाख वैक्सीनेशन के सापेक्ष ०7 लाख 29 हजार 197 लोगों को टीका-कवर प्रदान किया गया। यह निरंतरता बनी रहे। अब तक 02 करोड़ 63 लाख 22 हजार 777 वैक्सीन डोज दी जा चुकी है। 1 जुलाई से प्रतिदिन  10-12 लाख के लक्ष्य के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली जाएं।

सीएम योगी ने कहा कि अनेक राज्यों में कोविड संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। हमें अतिरिक्त सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। रेलवे, सड़क मार्ग अथवा वायुमार्ग के प्रदेश में आने वाले लोगों की जाँच कराई जाए। रेलवे स्टेशनों, बस स्टेशनों, हवाई अड्डों पर एंटीजन टेस्ट के लिए विशेष प्रबंध किए जाएं। संदिग्ध लक्षण वाले लोगों का आवश्यकतानुसार आरटीपीसीआर टेस्ट भी कराया जाए। पॉजिटिव पाए जा रहे लोगों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग भी कराई जाए। वयस्क लोगों के लिए मेडिकल किट वितरण जारी है और अब 27 जून से बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से घर-घर मेडिकल किट वितरण किया जाएगा। जिलों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों के माध्यम से निगरानी समितियों को दवाइयों का पैकेट दिलाया जाए। लोगों को स्वास्थ्य सुरक्षा के प्रति जागरूक करें।

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