भारत में थिएटर कमांड के गठन में अभी हो और देरी

नई  दिल्ली: भारत में थिएटर कमांड के गठन में लगातार रुकावटें आ रही हैं। बीते साल यह खबर आई थी कि भारत भी अब अमेरिकी और चीन जैसे देशों की तर्ज पर थिएटर कमांड गठित करेगा। हालांकि, तीनों सेना के बीच मतभेदों के कारण यह अभी तक संभव नहीं हो सका है। इस संबंध में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने बुधवार को एक बैठक भी बुलाई है। हालांकि, ऐसी भी खबरें हैं कि इस प्रक्रिया में अभी और देरी हो सकती है।

दरअसल, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में संकेत मिले हैं कि रक्षा मंत्रालय, थल सेना और भारतीय नौसेना थिएटर कमांड गठित करने को पूरी तरह से तैयार हैं लेकिन अकेली भारतीय वायुसेना ही ऐसी है जो इस प्रक्रिया के खिलाफ है। खबरों की मानें, तो वायुसेना को कमांडों के नाम रखने पर भी कई आपत्तियां हैं। थिएटर कमांड का सीधा अर्थ यह है कि कि एक इलाके में थल सेना, वायु सेना और नौसेना, तीनों की यूनिटों को एक थिएटर कमांडर के अधीन लाया जाना। इन यूनिटों की ऑपरेशनल कमान जिस ऑफिसर के हाथ में होगी वह तीनों में से किसी भी सेना का हो सकता है। अभी तीनों सेनाएं स्वतंत्र ढंग से अपना काम करती हैं। थिएटर कमांड स्थापित होने से यह सबसे बड़ा फर्क देखने को मिलेगा कि जो काम किसी एक सेना ने किया वह दूसरी नहीं करेगी। अमेरिका और चीन समेत दुनिया के कई देशों की सेनाएं इसी व्यवस्था के तहत चल रही हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वायुसेना अपनी सीमित हवाई संपत्ति को अलग-अलग थिएटर कमांडों के बीच बांटने का विरोध कर रही है, क्योंकि पश्चिमी और पूर्वी नौसैनिक बेड़े, समुद्री स्ट्राइक फाइटर जेट्स और भारतीय वायुसेना के ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट और सेना के दो इन्फैंट्री ब्रिगेड के कंट्रोल के अलावा कोस्ट गार्ड समुद्री थिएटर कमांड के अधीन हो जाएंगे। बीते साल यह खबर आई थी कि देश की पहली थियेटर कमान साल 2021 के शुरू में अस्तित्व में आ सकती है। खबर के मुताबिक, पहली थियेटर कमान मैरीटाइम कमान होगी, जिसकी जिम्मेदारी भारतीय समुद्री क्षेत्र की सुरक्षा होगी। इस कमान को बनाने का कार्य तेजी से चल रहा है। सेनाओं में हो रहे सुधारों के तहत देश में कुल सात थिएटर कमान बनाई जानी हैं। इनमें चीन सीमा के लिए उत्तरी थियेटर कमान, पाकिस्तान सीमा के लिए पश्चिमी थियेटर कमान तथा दक्षिण भारत के लिए पेनसुएला थियेटर कमान शामिल हैं। देश में अभी अंडमान-निकोबार एकमात्र ऐसी कमान है, जिसमें तीनों सेनाएं पहले से शामिल हैं। लेकिन इस कमान का क्षेत्र सीमित है।

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