कच्चा तेल 2018 के शिखर पर

कच्चे तेल का दाम बुधवार को 74 डॉलर प्रति बैरल के पार चला गया। इसके दाम में तेज उछाल ने भारत के लिए दोहरी मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। इससे एक तरफ पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ाने को मजबूर होना पड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर इससे महंगाई तेजी से बढ़ रही है। आने वाले समय में महंगाई के बेकाबू होने की आशंका बढ़ गई है।

कच्चे तेल के दाम में तेजी से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी की उम्मीद नहीं कर सकते। ऐसे में पेट्रोल डीजल का दाम बढ़ेगा जिससे आम आदमी की जेब हल्की है। अपना वाहन इस्तेमाल करने वालों की जेब पर सीधा असर होगा।

कच्चे तेल के दाम बढ़ने से सरकार और तेल कंपनियों को अधिक मात्रा में विदेशी मुद्रा खर्च करनी पड़ती है। वहीं पेट्रोल-डीजल सस्ता नहीं कर पाने से महंगाई पर काबू पाना मुश्किल हो जाता है। इतना ही नहीं रिजर्व बैंक के लिए कर्ज सस्ता करना भी आसान नहीं रह जाता है।

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