चीन सीमा से लगे गांवों में भी वैक्सीनेशन शुरू

धारचूला : चीन सीमा से लगे क्षेत्र के गांवों में भी कोविड से बचाव के लिए वैक्सीनेशन प्रारंभ हो चुका है। दारमा घाटी के फिलम गांव में चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। इस मौके पर कोविड जांच के साथ ही वैक्सीनेशन भी किया गया।

चीन सीमा से लगे दारमा, व्यास और मल्ला जोहार के तीन दर्जन गांवों के ग्रामीण इस समय अपने उच्च हिमालयी गांवों में रहते हैं। ग्रामीणों के माइग्रेशन के बाद कोरोना तेजी से फैला। सुदूरवर्ती गांव होने से इन गांवों तक जांच और वैक्सीनेशन का कार्य देरी से चला।

हॉलाकि रं कल्याण संस्था ने अपने प्रयासों से इन गांवों तक कोविड किट बांट थे। रं कल्याण संस्था के प्रयास से प्रथम चरण में व्यास घाटी के सात गांवों में चिकित्सा शिविरों का आयोजन किया गया। इस मौके पर कोविड जांच भी की गई। कुटी में एंटीजन जांच में ग्रामीणों के निगेटिव मिलने से प्रशासन ने राहत की सांस ली।

दूसरे चरण में आरकेएस की पहल पर दारमा घाटी में चिकित्सा शिविरों के साथ विभाग ने वैक्सीनेशन भी शुरू कर दिया है। दारमा घाटी के चीन सीमा पर स्थित फिलम गांव में शिविर लगा कर ग्रामीणों की कोविड जांच करने के साथ वैक्सीनेशन भी किया गया। ग्रामीण लंबे समय से वैक्सीनेशन की मांग कर रहे थे।

वैक्सीनेशन के लिए धारचूला से जौलजीबी आने जाने का खर्च तीन हजार रु पए से भी अधिक हो रहा था। रं कल्याण संस्था ने क्षेत्र में ही वैक्सीनेशन की मांग की थी। इसी मांग पर अब उच्च हिमालयी गांवों में वैक्सीनेशन करना प्रारंभ कर दिया है। जिससे ग्रामीणों को राहत मिली है।

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