चार कारणों से बच्चों को वैक्सीनेशन नहीं कराते माता-पिता

आपको जानकर हैरानी होगी कि कई माता-पिता अपने बच्चों को टीका लगवाने से इनकार कर देते है, जिससे बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने के साथ उन्हें कई बीमारियों का खतरा रहता है।

ऐसे में यहां गौर करने वाली बात यह है कि यह व्यक्तिगत या किसी एक देश की परेशानी नहीं बल्कि बच्चों में बढ़ती बीमारियों के आंकड़ों का असर पूरे विश्व पर पड़ता है। बाल रोग पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, 19 से 35 महीने की उम्र के एक तिहाई बच्चों में टीकाकरण में देरी होती है। आइए, जानते हैं कारण-

धार्मिक कारण
इससे निपटना सबसे कठिन है क्योंकि यह किसी व्यक्ति के  विश्वास  से जुड़ा हुआ है। धार्मिक कारणों का हवाला देते हुए माता-पिता टीकाकरण करने से मना कर देते हैं।

व्यक्तिगत मान्यताएं
कुछ माता-पिता यह मानते हुए टीकों को मना कर देते हैं कि बच्चों के टीकाकरण में सुधार के लिए कुछ बीमारियों के संपर्क में आना महत्वपूर्ण है, जबकि अन्य लोगों का मानना है कि शिशु की प्राकृतिक प्रतिरक्षा प्रणाली किसी भी तरह के टीकाकरण से बेहतर और प्रभावी है।

सुरक्षा संबंधी चिंताएँ
सुरक्षा का मुद्दा भी इनकार करने का एक कारण है। टीकाकरण से संबंधित इंटरनेट पर उपलब्ध विभिन्न प्रकार की गलत सूचनाओं के कारण, माता-पिता अक्सर सही फैसला नहीं कर पाते और टीकाकरण के लिए मना कर देते हैं।

ज्यादा जानकारी
माता-पिता आमतौर पर कोई भी निर्णय लेने से पहले वैक्सीन के बारे में अधिक जानकारी मांगते हैं। वे उनके जोखिमों, लाभों और दुष्प्रभावों से पूरी तरह अवगत होना चाहते हैं, जो अक्सर प्रक्रिया में देरी करता है।

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