गंभीर ख़तरा बन सकता है कोरोना का भारत में मिला वेरिएंट

लॉकडाउन में ढील देने की योजना में आ सकती है रुकावट

कोरोना वायरसनई दिल्ली।  ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का कहना है कि भारत में मिला कोरोना वायरस के वेरिएंट के कारण ब्रिटेन में लॉकडाउन में ढील देने की योजना में रुकावट आ सकती है। 

उन्होंने बताया कि विशेषज्ञों का कहना है कि ये वेरिएंट 50 प्रतिशत ज़्यादा संक्रामक है और इससे अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीज़ों की संख्या बढ़ सकती है. ये वेरिएंट ब्रिटेन में प्रमुख वेरिएंट बन सकता है।

ब्रितानी पीएम बोरिस जॉनसन ने कहा कि मौजूदा प्रमाण के आधार पर ऐसा नहीं लगता हमें सोमवार से प्रतिबंध हटाने के तीसरे चरण को रोकने की ज़रूरत है. लेकिन, ये वायरस हमारी प्रगति के लिए गंभीर ख़तरा बन सकता है और जून में प्रतिबंध हटाने के चौथे चरण को लागू करना मुश्किल हो सकता ह।

उन्होंने बताया कि लॉकडाउन में छूट के तहत घर के अंदर लोगों के मिलने-जुलने पर सोमवार से प्रतिबंध हट जाएगा।  लेकिन, जून में सभी प्रतिबंधों को हटाने की योजना पर अभी संशय बना हुआ है।

प्रधानमंत्री ने वैक्सीन को अब भी प्रभावी बताया और वैक्सीनेशन के कार्यक्रम में और तेज़ी लाने की बात कही। उन्होंने ज़ोर दिया कि ऐसे कोई प्रमाण नहीं है कि वैक्सीन गंभीर बीमारी और अस्पताल में भर्ती होने से सुरक्षा देने में कम प्रभावी हैं।

उन्होंने कहा, “50 साल से ऊपर और कमज़ोर स्वास्थ्य वाले लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज़ पहले देकर वैक्सीनेशन कार्यक्रम को तेज़ किया जाएगा।”

हालांकि, ब्रिटेन में स्थानीय नेताओं की मांग है कि भारत में मिले कोरोना वायरस वैरिएंट से प्रभावित इलाक़ों में युवाओं को वैक्सीन देने में प्राथमिकता दी जाए। लेकिन, ब्रिटेन के प्रमुख चिकित्सा सलाहकार प्रोफ़ेसर क्रिस विटी के मुताबिक़ इससे समस्याएं पैदा हो सकती हैं।

सरकार के वैज्ञानिक सलाहकार समूह के सदस्य प्रोफ़ेसर जॉन एडमंड्स ने बीबीसी से कहा कि कोरोना वायरस का जो वैरिएंट सबसे पहले भारत में मिला था वो जल्द ही ब्रिटेन में प्रमुख वैरिएंट बन सकता है।

प्रोफेसर जॉन एडमंड्स ने बताया कि ये वैरिएंट ब्रिटेन में काफ़ी फैल गया है. वैक्सीन के बीमारी को गंभीर होने से रोकने की संभावना है लेकिन और ज़्यादा डाटा की ज़रूरत है। भारत से आने वाले लोगों पर लगे प्रतिबंधों के कारण वायरस के प्रसार को कुछ वक़्त तक रोकना संभव हुआ है।

ब्रिटेन ने भारत को 23 अप्रैल को रेड ट्रैवल लिस्ट वाले देशों में शामिल किया था। इसका मतलब ये है कि सिर्फ़ ब्रिटेन के लोग ही भारत से ब्रिटेन जा सकते हैं। उन्हें भी ब्रिटेन पहुंचने पर 10 दिनों के लिए होटल में क्वारंटीन रहना होगा।

वहीं, लेबर पार्टी ने प्रधानमंत्री जॉनसन पर भारत से आने-जाने वालों के लिए लंबे समय तक सीमाएं खुली रखने का आरोप लगाया है।

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