अब शिवसेना ने गुजरात दंगो पर प्रधानमंत्री मोदी को घेरा
नई दिल्ली: महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख को लेकर आरोपों से घिरी सत्ताधारी शिवसेना ने मंगलवार को बीजेपी पर पलटवार करते हुए यह ऐलान किया है कि गुजरात के आईपीएस ऑफिसर संजीव भट्ट ने भी राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर गंभीर आरोप लगाए थे। शिवसेना ने सवाल उठाया है कि क्या कानून मंत्रालय अब भट्ट की चिट्ठी के आधार पर कार्रवाई करेगा।
शिवसेना नेता संजय राउत ने दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘अगर एक पुलिसकर्मी की लिखी चिट्ठी को आधार बनाकर कोई सरकार गिराई जाए, या गृह मंत्री-मुख्यमंत्री का इस्तीफा हो, तो मैं हल्ला मचाने वाली बीजेपी और कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद से पूछना चाहूंगा कि आईपीएस ऑफिसर संजीव भट्ट और एक अन्य ऑफिसर ने कई बार गुजरात सरकार के खिलाफ इस तरह के लेटर बम लिखे हैं। क्या आप उसके आधार पर उस समय के मुख्यमंत्री या मौजूदा मुख्यमंत्री के खिलाफ ऐक्शन लेंगे? संजीव भट्ट के आरोप तो परमबीर सिंह के लगाए आरोपों से भी ज्यादा गंभीर थे। लेकिन आपने भट्ट को जेल में डाल दिया।’
बता दें कि पूर्व पुलिस अधिकारी संजीव भट्ट ने आरोप लगाया था कि गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के दौरान नरेंद्र मोदी 2002 के दंगे भड़काने में भागीदार थे। साल 1990 में पुलिस हिरासत में एक शख्स की मौत के आरोप में संजीव भट्ट को 20 जून 2019 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। राउत ने कहा कि भट्ट की लिखी चिट्ठियों को भी बाहर निकालकर उसपर चर्चा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि शिवसेना के पास वह चिट्ठी है और क्या कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद उसपर कार्रवाई करेंगे।
बता दें कि मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह की ओर से महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपये की उगाही करवाने का आरोप लगाया गया था। इस मसले पर दो दिन पहले कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने बिहार में प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी और कहा थी कि बाहरी एजेंसी द्वारा मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। इसके अगले ही दिन एनसीपी चीफ शरद पवार ने यह स्पष्ट कर दिया था कि अनिल देशमुख को इस्तीफा देने की जरूरत नहीं है क्योंकि उनपर सिर्फ आरोप लगाए गए हैं और इन आरोपों के सबूत नहीं हैं।