निकिता जैकब और शांतनु की अग्रिम जमानत याचिका पर आज सुनवाई

नई दिल्ली: ‘टूलकिट’ मामले में आरोपी मुंबई की वकील निकिता जैकब और पुणे के इंजीनियर शांतनु मुलुक की अग्रिम जमानत याचिका पर आज दिल्ली कोर्ट में सुनवाई होनी है। बता दें कि कृषि कानूनों को लेकर किसानों के प्रदर्शन से संबंधित ‘टूलकिट’ सोशल मीडिया पर शेयर करने के मामले में ये लोग आरोपी हैं। बीते 2 मार्च को कोर्ट ने निकिता जैकब की अग्रिम जमानत याचिका पर जवाब देने के लिए दिल्ली पुलिस को एक सप्ताह का समय दिया था। दिल्ली पुलिस ने वकील निकिता जैकब के खिलाफ राजद्रोह और अन्य आरोपों के तहत मामला दर्ज किया है। जैकब ने अग्रिम जमानत के लिए दिल्ली की अदालत का रुख किया था।

सोशल मीडिया पर शेयर किए गए टूलकिट मामले में जैकब के अलावा बेंगलुरु की क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि भी आरोपी हैं। उन्हें 17 फरवरी को बॉम्बे हाई कोर्ट से तीन हफ्तों के लिए ट्रांजिट अग्रिम जमानत मिली थी। साथ ही उन्हें दिल्ली में उस अदालत का रुख करने को कहा गया था, जहां यह मामला दायर है। पुलिस ने आरोप लगाया था कि कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन के नाम पर भारत में हिंसा और अशांति फैलाने की साजिश के तहत यह टूलकिट तैयार की गई थी। इससे पहले दिल्ली में सेशन कोर्ट ने 25 फरवरी को अन्य आरोपी शांतनु मुलुक को 9 मार्च तक के लिए गिरफ्तारी से संरक्षण दिया था। अदालत मुलुक की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई करेगी। शांतनु मुलुक और निकिता जैकब इस मामले की जांच में दिल्ली पुलिस की साइबर सेल के सामने पूछताछ में शामिल हो चुके हैं.

इधर, 23 फरवरी को बेंगलुरु की रहने वाली एक्टिविस्ट दिशा रवि को कोर्ट ने यह कहकर जमानत दे दी थी कि पुलिस द्वारा पेश किए गए सबूत ‘अधूरे’ हैं। कोर्ट ने कहा था कि पेश किए गए सबूत 22 वर्षीय युवती को हिरासत में रखने के लिए पर्याप्त नहीं है, जिसकी कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं है। एडिशनल सेशन जज धर्मेंद्र राणा ने कहा था कि किसी भी लोकतांत्रिक देश में नागरिक सरकार की अंतरात्मा के संरक्षक होते हैं। उन्हें केवल इसलिए जेल नहीं भेजा जा सकता, क्योंकि वे सरकार की नीतियों से असहमत हैं।

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