38.91 करोड़ के GST धोखाधड़ी में दिल्ली का एक कारोबारी गिरफ्तार

सरकार ने फर्जी तरीके से 38.91 करोड़ इनपुट-टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का दावा करते हुए 216 करोड़ रुपये से अधिक के गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) के फर्जी चालान जारी करने के आरोप में दिल्ली के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। वित्त मंत्रालय के एक बयान में यह जानकारी दी।

इस व्यक्ति ने अपने नाम से एक फर्जी कंपनी बनाई थी और 38 अन्य फर्जी संस्थाओं से जुड़कर फर्जी बिलों के जरिए फर्जी आईटीसी का दावा कर सरकार को ठगा था।

वित्त मंत्रालय ने कहा कि अब तक की जांच में पता चला है 216.06 करोड़ रुपये के फर्जी बिल जारी किए गए हैं, जिसमें 38.91 करोड़ रुपये के फर्जी आईटीसी शामिल हैं, जिसके और बढ़ने की उम्मीद है।

आरोपी व्यक्ति को गिरफ्तार कर सोमवार को ड्यूटी मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया, जहां से उसे 15 मार्च तक के लिए 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। आईटीसी के फर्जी बिल और धोखाधड़ी के दावों का अपराध केंद्रीय जीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 132 (1) (बी) के तहत संज्ञेय और गैरजमानती अपराध है।

बयान में आगे कहा गया है कि अब तक इस जोन ने 4,000 करोड़ रुपये से अधिक की जीएसटी चोरी से जुड़े विभिन्न मामलों में 28 गिरफ्तारियां की हैं। सेंट्रल गुड्स एंड सर्विस टैक्स (CGST) आयुक्तालय, पूर्वी दिल्ली के अधिकारियों ने ITC का दावा करने के लिए फर्जी बिलों का इस्तेमाल करके फर्जी फर्मों के नेटवर्क का पता लगाने के लिए एनालिटिक्स टूल NETRA (नेटवर्क एक्सप्लोरेशन टूल फॉर रेवेन्यू ऑगमेंटेशन) का इस्तेमाल किया था।

नवंबर के मध्य में सरकार ने फर्जी बिलों के माध्यम से जीएसटी चोरी के खिलाफ एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया, जिसमें पेशेवरों, कंपनियों के निदेशक और चार्टर्ड एकाउंटेंट (सीए) सहित 330 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी हुई।

राजस्व विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, जीएसटी चालान धोखाधड़ी के खिलाफ चल रहे अभियान के तहत जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) और सीजीएसटी कमिश्नरेट ने पिछले हफ्ते सिर्फ एक दिन में 12 लोगों को गिरफ्तार किया था, जिसमें एक सीए भी शामिल था।

एक अधिकारी ने अपना नाम गुप्त रखते हुए बताया कि अब तक गिरफ्तार किए गए 330 लोगों में से कम से कम चार को विदेशी मुद्रा संरक्षण और तस्करी निरोधक अधिनियम (COFEPOSA) के तहत गिरफ्तार किया गया है, जबकि GST इंटेलिजेंस और CGST अधिकारियों ने 9,600 फर्जी जीएसटी पंजीकृत संस्थाओं के खिलाफ 3,200 से अधिक मामले दर्ज किए हैं।

जालसाजों को पकड़ने के लिए जीएसटी अधिकारी डीप डेटा एनालिटिक्स, इंटिग्रेटेड डेटा-शेयरिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) टूल का उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी ने जीएसटी तंत्र और इंटेलिजेंस अधिकारियों को इन नकली कंपनियों की परत-दर-परत गतिविधियों की पहचान करने और और उनके खिलाफ आगे की जांच करने में सक्षम बनाया है।

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