उत्तराखंड: तपोवन सुरंग में फंसे लोगों की तलाश जारी

नई दिल्ली: उत्तराखंड के चमोली जिले में बाढ़ से क्षतिग्रस्त तपोवन-विष्णुगाड परियोजना की सुरंग में फंसे लोगों की तलाश के लिए बुधवार को ड्रोन और रिमोट कंट्रोल वाले उपकरणों की मदद भी ली जा रही है।  मौके पर मौजूद उत्तराखंड पुलिस के मुख्य प्रवक्ता और पुलिस उपमहानिरीक्षक नीलेश आनंद भरणे ने समाचार एजेंसी ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए बयान में कहा, ”इस समय हमारा सारा ध्यान हमारे पास उपलब्ध सभी संसाधनों जैसे ड्रोन और रिमोट कंट्रोल वाले उपकरणों की मदद से सुरंग के अंदर फंसे लोगों को बचाने पर है।

रविवार को ऋषिगंगा घाटी में पहाड़ से गिरी लाखों टन बर्फ के कारण ऋषिगंगा और धौलीगंगा नदियों में अचानक आई बाढ़ से 13.2 मेगावाट ऋषिगंगा जल विद्युत परियोजना पूरी तरह तबाह हो गयी थी, जबकि बुरी तरह क्षतिग्रस्त 520 मेगावाट तपोवन-विष्णुगाड परियोजना की सुरंग में काम कर रहे लोग उसमें फंस गए थे।

घटना के बाद से ही लगातार तलाश और बचाव अभियान चलाया जा रहा है जिसमें सेना, एनडीआरएफ, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और एसडीआरएफ के करीब 600 कर्मी लगे हुए हैं। भरणे ने बताया कि बचाव दल अब तक सुरंग के 80 मीटर अंदर तक पहुंच चुके हैं और अंदर फंसे लोगों तक पहुंचने के लिए उन्हें टनों मलबे के बीच में से कम से कम 100 मीटर का और रास्ता तय करना पड़ेगा।

भरणे ने बताया कि सुरंग के अंदर जमा गाद के सूखने और सख्त होने के कारण मलबे को ड्रिल करना और मुश्किल हो गया है। यहां राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली ताजा जानकारी के अनुसार, आपदा ग्रस्त क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों से अब तक कुल 32 शव बरामद हो चुके हैं जबकि 174 लोग अभी भी लापता हैं। आपकों बता दें कि बीते रविवार उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने से आस-पास के इलाकों में काफी तबाही हुई थी। ग्लेशियर टूटने के चलते अलकनंदा और धौली गंगा उफान पर थी।

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