हमीरपुर : जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कार्यकारी हमीरपुर की बैठक संपन्न

हमीरपुर। जिलाधिकारी हमीरपुर की अध्यक्षता में प्रमोशनल आॅफ एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन फाॅर इन सीटू मैनेजमेन्ट आॅफ क्राप रेज्ड्यू योजनान्तर्गत ग्राम पंचायतों को 80 प्रतिशत अनुदान पर फार्म मशीनरी बैंक उपलब्ध कराये जाने हेतु जनपद स्तरीय कार्यकारी समिति की बैठक दिनांक 02.09.2020 को आयोजित की गयी बैठक में अवगत कराया गया कि जिन क्षेत्रों में गत वर्ष फसल अवशेष जलाये जाने की घटनायें हुई हैं उन ग्राम पंचायतों में इसे रोकने के लिए शासन द्वारा कृषि ंयत्र प्रमोशन आॅफ एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन फाॅर इन सीटू मैनेजमेन्ट आॅफ क्राप रेज्ड्यू योजनान्तर्गत रू0 5.00 लाख तक के में निर्धारित यंत्रों पर 80 प्रतिशत अनुदान अनुमन्य किया गया है।

योजनान्तर्गत भारत सरकार द्वारा पैडी स्ट्राचापर, श्रेडर, मल्चर, श्रब मास्टर,, रोटरी स्लेशर, हाइड्रोलिक रिवर्सेबुल एम0बी0 प्लाऊ, सुपर सीडर, बेलर, सुपर स्ट्रा मैनेजमेन्ट सिस्टम (सुपर एस0एम0एस0) जीरो टिल सीड कम फर्टीड्रिल, हैप्पी सीडर, स्ट्रा रेक, क्राप रीपर व रीपर कम्बाइन्डर में से रू0 5.00 लाख की सीमान्तर्गत कम से कम दो यंत्र अनिवार्य रूप से क्रय करने होगें। रू0 5.00 लाख तक के यंत्रों के मूल्य के 20 प्रतिशत का भुगतान ग्राम पंचायतों द्वारा स्वयं वहन करना होगा।

इन-सीटू योजना के अन्तर्गत क्रय किये गये फसल अवशेष प्रबन्धन यंत्रों के मूल्य के 80 प्रतिशत अधिकतम रू0 4.00 लाख का भुगतान कृषि विभाग द्वारा अग्रिम तौर पर आॅनलाइन सम्बन्धित पंचायतों के खातों में उपलब्ध कराया जायेगा, जो धनराशि हस्तान्तरित होने की तिथि से एक माह के अन्दर यंत्र क्रय कर लिया जायेगा।

समितियों एवं पंचायतों द्वारा निर्धारित समय के अन्तर्गत कृषि यंत्र का क्रय, रख-रखाव किराये पर कृषकों को यंत्र उपलब्ध कराना अभिलेखों का रख-रखाव एवं अनुरक्षण आदि का अनुश्रवण करने का दायित्व जिला पंचायतराज अधिकारी का होगा।

बैठक में गत वर्ष में जिन ग्राम पंचायतों में फसल अवशेष जलाये गये थे उसमें से मुख्यालय से प्राप्त 5 लक्ष्य के सापेक्ष 5 ग्राम पंचायतों यथा ग्राम पंचायत उमरी विकास खण्ड मुस्करा, ग्राम पंचायत ममना विकास खण्ड सरीला, ग्राम पंचायत खरौंज विकास खण्ड कुरारा, ग्राम पंचायत कुतुबपुर विकास खण्ड कुरारा, ग्राम पंचायत सरसई विकास खण्ड गोहाण्ड का चयन किया गया।

जिलाधिकारी द्वारा योजनान्तर्गत विभिन्न कृषि यंत्रों की उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए उन्ही यंत्रों को क्रय करने पर विशेष बल दिया गया जो फसल अवशेष प्रबन्धन के लिए स्थानीय स्तर पर सर्वाधिक उपयुक्त हों ताकि कृषकों का समय, श्रम एवं व्यय में कमी आ सके। जिलाधिकारी महोदय ने यह भी निर्देशित किया कि फसल अवशेष प्रबन्धन हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार की कार्यवाही की जाये तथा ग्राम प्रधानों को भी संसूचित किया जाये कि उनके ग्राम पंचायत में फसल अवशेष न जलाने जाने की सतत निगरानी की जाती रहे तथा उल्लंघन पाये जाने की दशा में तत्काल सम्बन्धित लेखपाल/तहसीलदार को अवगत करायेगें ताकि दण्डात्मक कार्यवाही कराया जा सके।

उन्होने यह भी निर्देशित किया कि कृषकों के खेत में फसल अवशेष जलाये जाने की घटनायें गत वर्ष जहां से आयी थी उन कृषकों के खेत से पराली संग्रह कर निराश्रित गौशालाओं मे रखा जाये।

शासन द्वारा खेत से पराली संग्रह करने हेतु आवश्यक धनराशि का व्यवस्था मनरेगा अथवा वित्त आयोग द्वारा की जायेगी। तथा कृषकों के खेत से गौशाला स्थल तक पराली का ढुलान पशुपालन विभाग द्वारा किया जायेगा।

राजस्व ग्राम के लेखपाल की जिम्मेदारी होगी कि अपने क्षेत्र में फसल अवशेष के जलने की घटनायें बिलकुल न होने दें अन्यथा उनके विरूद्व कार्यवाही की जाये तथा समस्त थाना प्रभारियों को यथोचित समय पर निर्देश प्रसारित किया जाये कि अपने क्षेत्र में फसल अवशेष को जलने संे रोकने के लिए प्रभावी कार्यवाही करें तथा किसी भी दशा में फसल अवशेष को न जलने दें।
जिलाधिकारी महोदय ने यह भी निर्देशित किया कि यदि कोई भी कम्बाइन हार्वेस्टर, सुपर स्ट्रा मैनेजमेन्ट सिस्टम अथवा स्ट्रा रीपर अथवा स्ट्रा रैक, बेलर के बगैर चलते हुए पायी जाये तो उसको तत्काल सीज कर लिया जायें और कम्बाइन मालिक के स्वयं के खर्चे पर सुपर स्ट्रा मैनेजमेन्ट सिस्टम लगवाकर ही छोड़ा जाये।

उप कृषि निदेशक
हमीरपुर

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