राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर लगा पक्षपात का आरोप, कुछ देशों में मुहैया करा रहे जीवन रक्षक मशीने
कोरोना महामारी के बीच एक शीर्ष डेमोक्रेटिक सीनेटर ने ओरोप लगाया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जीवन रक्षक मशीनों को दान करने में कुछ देशों के साथ पक्षपात कर रहे हैं। उक्त सीनेटर ने कहा कि वह कुछ चुनिंदा देशों को यह राहत दे रहे हैं। सीनेटर ने आरोप लगाया है कि कोरोना महामारी के दौरान वेंटिलेटर को दान करने के लिए ट्रंप प्रशासन ने 200 करोड़ डॉलर खर्च किए हैं।
रूस, भारत और दक्षिण अफ्रीका का लिया नाम
विदेश संबंध समिति के सदस्य सीनेटर रॉबर्ट मेनेंडेज ने कहा कि जिन देशों को जीवन रक्षक मशीनें उपलब्ध कराई गई हैं, उनमें रूस, भारत और दक्षिण अफ्रीका प्रमुख हैं। उन्होंने ट्रंप को लिखे पत्र में कहा कि कोरोना महामारी के मौजूदा संकट को देखते हुए हमें अमेरिकी सहायता को पारदर्शी ढंग से सुनिश्वित करने की जरूरत है। उन्होंने जोर देकर कहा कि जिन देशों को जरूरत है, उन्हें जरूर वेंटिलटर प्रदान किया जाना चाहिए, लेकिन इस कार्य और अधिक उत्पादक और पारदर्शी बनाए जाने की जरूरत है। सीनेटर ने कहा वेंटिलेटर के वितरण में नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल और यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट का सहयोग और परामर्श जरूर लिया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में यूएसएआईडी को नजरअंदाज करना यह साबित करता है कि ट्रंप प्रशासन का यह फैसला राजनीति से प्रेरित है।
यूएसएआईडी के कार्यवाहक प्रशासक जॉन बार्सा को भी लिखा पत्र
उक्त सीनेटर ने यूएसएआईडी के कार्यवाहक प्रशासक जॉन बार्सा को एक अलग से पत्र लिख कर अपनी चिंताओं से अवगत कराया है। उन्होंने अपने इस पत्र में कहा है कि वेंटिलेटर वितरण के निर्णय लेने की प्रक्रिया में यूएसएआईडी और एनएससी से जुड़ी भूमिकाओं में पारदर्शिता लानी चाहिए। उन्होंने कहा कि विदेशों में कोरोना रोगियों के लिए समान रूप से जीवन रक्षक उपकरण सुलभ होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यूएसएआईडी वैश्विक स्वास्थ्य और आपातकालीन रिजर्व फंड संसाधनों को आवंटित करता है। लेकिन ट्रंप प्रशासन अपने राजनीतिक एजेंडा के तहत एनएससी और यूएसएआईडी की नीतियों को खत्म करना चाहती है।