कोरोना संक्रमण के चलते CBSE परीक्षा निरस्त होने से लखनऊ के 25 हजार विद्यार्थियों को राहत

सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन (CBSE) द्वारा कोरोना संक्रमण को देखते हुए 12वीं की परीक्षा रद किए जाने से राजधानी के करीब 25 हजार विद्यार्थियों को राहत मिली है। छात्र हों या शिक्षक सभी ने सीबीएसई के इस फैसले की सराहना की है।

सीबीएसई कि कई वार्षिक परीक्षाएं होनी बाकी थीं। इसे कोरोना संक्रमण के चलते टाल दिया गया था। इसे लेकर लंबे समय से ऊहापोह की स्थिति थी, जिस पर गुरुवार को सीबीएसई के निर्णय से विराम लग गया।कोट………..

सिटी कोऑर्डिनेटर (सीबीएसई) जावेद आलम के मुताबिक, विद्यार्थी हित में सीबीएसई का निर्णय सराहनीय है। परीक्षा होने ना होने को लेकर बच्चों में असमंजस की स्थिति थी। इससे बच्चों को बहुत राहत मिलेगी।

अवध कॉलेजिएट प्रबंधक सरबजीत सिंह का कहना है कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए सीबीएसई द्वारा परीक्षा रद करने का लिया गया। यह हर दृष्टिकोण से विद्यार्थी हित में है। बच्चों को विकल्प भी दिया गया है कि हालात सामान्य होने पर वह चाहें तो परीक्षा दे सकते हैं।

बोले विद्यार्थी………

कोरोना के बढ़ते संक्रमण की ऐसी स्थिति में परीक्षा कराना संभव ही नहीं था। इस लिए यह निर्णय पहले ही आ जाना चाहिए था। निर्णय अगर पहले आ जाता तो अब तक हम लोगों का रिजल्ट भी घोषित हो जाता। हमें अगली कक्षा में किस स्ट्रीम से पढाई करनी है, इसकी रणनीति तय कर लेते। कोर्स के बारे में जानकारी हो जाती। हम कुछ आगे की तैयारी भी कर सकते थे। रिजल्ट न आने के कारण हम कॉलेज में चल रहीं ऑनलाइन क्लासेज भी नहीं ले सके। हालांकि इंटरनल एसेसमेंट के आधार पर छात्रों को पास करना यह निर्णय सही है। मेरे प्री बोर्ड में 83 फीसद माक्र्स थे और 10वीं के सारे पेपर हो चुके थे।

  • केंद्रीय विद्यालय अलीगंज सृष्टि त्रिवेदी के कहते हैं कि केंद्रीय विद्यालय अलीगंज  शिवांश मिश्र के मुताबिक कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के कारण परीक्षाएं रद करना बेहद जरूरी था। क्योंकि, किसी भी हाल में परीक्षाएं कराना ठीक नहीं था। यह निर्णय बहुत अच्छा है। अगर जान है तो जहान है। जीवन भर परीक्षाएं ही देनी हैं। एक परीक्षा के लिए जान जोखिम में डालना ठीक नहीं है। 12वीं के प्री बोर्ड में मेरे 92 फीसद माक्र्स थे। 10वीं में 90 फीसद माक्र्स थे। मेरे दो पेपर व्यवसायिक अध्ययन और इंफार्मेशन प्रैक्टिस का बचे हुए थे।
  • अवध कॉलेजिएट के 12वीं कक्षा के छात्र वंशिका त्रिपाठी ने बताया कि कोरोना संक्रमण के चलते उपजे हालात को ध्यान में रखते हुए सीबीएसई ने हिंदी और कंप्यूटर की परीक्षाओं को रद करने का निर्णय लिया है। यह विद्यार्थियों की सुरक्षा और उनके हितों से जुड़ा विषय था, जिसे सीबीएसई ने बहुत गंभीरता से लिया।
  • अवध कॉलीजियेट के 12वीं कक्षा के छात्र किशन तिवारी बताते हैं कि हम सीबीएसई को धन्यवाद देते हैं कि कोरोना महामारी के समय में परीक्षा स्थगित कर दी गई। महामारी से संक्रमण के खतरे को लेकर छात्र-छात्राओं में पहले से ही डर बना हुआ। सीबीएसई के इस निर्णय से अब हम पूरी तरह रिलैक्स महसूस कर रहे हैं। आगे की तैयारी के लिए दिशा तय कर सकेंगे।
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