इजरायल में एक साल में 3 बार हुए चुनावों के नतीजों में किसी को नहीं मिला स्पष्ट बहुमत

 इजरायल में वर्ष भर में 3 बार हुए चुनावों के नतीजों में किसी भी गठबंधन को स्पष्ट बहुमत हासिल नहीं किए जा सके है. जंहा पीएम  बेंजामिन नेतन्याहू के नेतृत्व वाली लिकुड पार्टी को महज 36 सीटें ही मिल पाई है. जंहा सहयोगी दलों समेत उसके गठबंधन को कुल 58 सीटें मिली हैं जो 120 सदस्यों वाली संसद में बहुमत के आंकड़े 61 से तीन सीटें कम हैं. विपक्षी ब्ल्यू एंड व्हाइट पार्टी को 33 सीटें मिली हैं और उसके नेतृत्व वाले गठबंधन को 55 सीटें मिली हैं. ऐसे में इजरायल में क्‍या सियासी विकल्‍प हो सकते हैं.

चुनाव आयोग परिणामों की पूरी जानकारी संभवत: वहीं इस बात का पता चला है कि 10 मार्च 2020 यानी मंगलवार को राष्ट्रपति रूवेन रिवलिन को सौपा जाने वाले है. इसके बाद राष्ट्रपति सात दिन तक राजनीतिक दलों से बात करके सरकार गठन की संभावना तलाशेंगे. राष्ट्रपति राजनीतिक दलों को कुछ समय आपसी विचार-विमर्श के लिए दे सकते हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस बात का पता चला है कि यदि फ‍िर भी बात नहीं बनती है तो इजरायल एक बार फिर चुनाव की ओर जा सकता है, जो खुद में विस्मयकारी फैसला होगा.

नेतन्याहू की बढ़ी मुश्किलें: जंहा नेतन्याहू पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप उन पर सरकार से दूर होने के लिए दबाव डाला जा रहा है. जंहा अटॉर्नी जनरल की अनुमति के बाद नेतन्याहू पर 17 मार्च 2020 से मुकदमा चलाए जाने का रास्ता साफ हो गया है. यही उनके राजनीतिक भविष्य के लिए मुश्किल खड़ी कर रहा है. अब जब इजरायल में साल भर में तीन बार हुए चुनाव के बाद भी वह मुल्‍क में अपनी सरकार बनाने की स्पष्ट स्थितियां बना पाने में विफल रहे हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि ये हालात नेतन्याहू की कुर्सी के लिए खतरा पैदा करने वाले हैं.

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