आने वाले पांच साल होंगे सबसे ज्यादा गर्म, टूटेंगे गर्मी के सारे रिकॉर्ड, भयावह होगी स्थिति

आने वाले पांच साल रिकॉर्ड तोड़ गर्मी के नाम हो सकते हैं। यह बात ब्रिटेन के मौसम विभाग ने कही है। ऐसा पेरिस समझौते में सन 2024 तक धरती का तापमान 2.0 डिग्री सेल्सियस कम करने के संकल्प के बावजूद होगा। संकल्प पूरा करने के लिए पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली गैसों का उत्सर्जन कम करना होगा।

मौसम की स्थिति देखने पर पता चलता है कि हर दशक में तापमान बढ़ रहा है। जबकि 2020 से 2024 की अवधि में यह तापमान प्रतिवर्ष 1.06 से 1.62 सेल्सियस की गति से बढ़ सकता है। अभी तक 2016 सबसे ज्यादा गर्म रहा है। लेकिन आने वाले पांच साल में सर्वाधिक गर्मी का यह रिकॉर्ड टूट सकता है।

ज्वालामुखी में आने वाला उबाल भी तापमान बढ़ने की वजह

ब्रिटिश मौसम विभाग के विश्लेषक डग स्मिथ के अनुसार आने वाले पांच वर्षो में हर नया साल बीतने वाले साल से ज्यादा गर्म हो सकता है। ऐसा वातावरण को नुकसान पहुंचाने वाली गैसों के अधिक उत्सर्जन के चलते होगा। ज्वालामुखी में आने वाला उबाल भी तापमान बढ़ने की प्रमुख वजह हो सकता है। बढ़े हुए तापमान के प्रभाव में यूरोप के उत्तरी देश, एशिया और उत्तरी अमेरिका रहेंगे।

अब तक 2016 रहा सबसे गर्म साल

धरती का तापमान लगातार बढ़ रहा है। 2015 से 2019 के बीच तापमान में 1.09 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हुई। करीब हर साल गर्मी बढ़ी और उसने नया रिकॉर्ड कायम किया। इसी दौर में 2016 अभी तक का सबसे ज्यादा गर्म साल रिकॉर्ड किया गया। इस दौरान ज्यादातर महीनों में पूर्व से ज्यादा तापमान रिकॉर्ड किया गया।

2015 में हुए पेरिस समझौते में हानिकारक गैसों का उत्सर्जन कम कर तापमान कम करने का संकल्प लिया गया गया है। लेकिन कोयला, तेल और गैस जलाकर ऊर्जा प्राप्त करने का सिलसिला साल दर साल बढ़ता जा रहा है। ऊर्जा की सबसे ज्यादा खपत करने वाला देश अमेरिका इस समझौते से हट चुका है। इसलिए पर्यावरण सुधार की यह पहल संदेह के घेरे में आ चुकी है।

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