हनी ट्रैप: नेता, अफसर और हसीनाएं और अब सामने आ रहे कुछ एक्ट्रेस के भी नाम
हनीट्रैप को लेकर हर रोज हो रहे खुलासों से जहां प्रदेश की जनता हैरान है, वहीं नेताओं में इसे लेकर बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप तेज होते जा रहे हैं। अपने बयानों से हमेशा चर्चा में रहने वाले कम्प्यूटर बाबा ने आरोप लगाया है कि हनीट्रैप मामले के लिए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जिम्मेदार हैं।
वही इस बीच एक नया खुलासा ये हुआ है कि हनी ट्रैप के इस सिंडीकेट में करीब 40 कॉल गर्ल्स थीं. जिनमें बॉलीवुड की कुछ हीरोइनों के नाम भी सामने आ रहे हैं. जो ना सिर्फ नेताओं और अफसरों के करीब गईं बल्कि बेहद शातिराना तरीके से उनकी वीडियो भी बना ली। इनकी दूसरी टीम ने उन्हीं पिक्चरों को अपने शिकार से पैसे ऐंठने और उनसे सरकारी काम निकलवाने का ज़रिया बना लिया।
हनीट्रैप में महिला गैंग के निशाने पर थे छत्तीसगढ़ के तीन अफसर
हाई प्रोफाइल हनी ट्रैप मामले के तार छत्तीसगढ़ से भी जुड़े हो सकते हैं । महिला गैंग के निशाने पर छत्तीसगढ़ के तीन अफसर थे। जानकारी के मुताबिक, वन विभाग के दो अफसर और एक आईएएस अधिकारी का संपर्क इन लोगों से था। वन विभाग के अधिकारी इस दौरान डीएफओ रैंक पर थे। अब वह प्रमोट होकर आईएफएस बन गए हैं। वहीं, आईएएस अधिकारी पहले नक्सली इलाके में पदस्थ कलेक्टर थे, जो अब प्रमोट होकर मंत्रालय पहुंच गए हैं। कहा जा रहा है कि वन विभाग के अधिकारियों को एनजीओ का काम दिलाने के नाम पर पैसे लिए गए और लड़कियां पहुंचाई गई थीं। इसके साथ ही सूबे के कुछ और सफेदपोश और व्हाइट कॉलर लोगों के शामिल होने का अंदेशा जताया जा रहा है। हनीट्रैप रैकेट में छत्तीसगढ़ के अधिकारियों के नाम सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है। बताया जा रहा है कि हनीट्रैप मामले की जांच के लिए मध्य प्रदेश में एसआईटी का गठन कर दिया गया है। अब जांच अधिकारी मामले की छानबीन के लिए छत्तीसगढ़ भी आ सकते हैं।
सुरा, सुंदरी और सियासत का खेल
सियासत में सुरा और सुंदरी का हमेशा बोलबाला रहा है। सुरा हो या सुंदरी देखते ही अक्सर नेताओं और रसूखदारों का मन मचल जाता है. बस इसी का इंतज़ार करती थीं वो शिकारी सुंदरियां। एमपी में जिनका रैकेट पहले बड़े लोगों तक पहुंचता था।फिर उन्हें शराब के नशे में मदहोश कर उनसे कुरबत बढ़ाता था. फिर उसी अंदाज़ में उन्हें ब्लैकमेल करने के लिए फिल्में बनाई जाती थीं. एमपी के इस सबसे बड़े सेक्स स्कैंडल का जो सिरा एटीएस और पुलिस ने थामा है, वो हर गुज़रते दिन के साथ खुलता तो जा रहा है। मगर उसकी थाह कहां तक है इसका अंदाज़ा किसी को नहीं लग रहा है।
इस हनी ट्रैप कांड में अगला सनसनीखेज़ खुलासा ये है कि इस ब्लैकमेलिंग सिंडिकेट में 40 से भी ज़्यादा कॉल गर्ल्स थीं। और इसके तार सिर्फ एमपी में ही नहीं फैले हुए हैं. बल्कि इसमें बॉलीवुड की बी-ग्रेड हिरोइनें भी शामिल रही हैं. और खबर मिल रही है कि इन हीरोइनों ने सियासत के बड़े बड़े दिग्गजों की नब्ज़ को दबोच रखा है। इसमें सिर्फ सियासतदान ही नहीं है बल्कि आला ब्यूरोक्रेट भी शामिल हैं।
पुलिस इन दावों की पुष्टि तो नहीं कर रही है, मगर कैमरा बंद होते ही इस तरह की बातें आ रही हैं। मुमकिन है कि जल्द ही इस मामले में कुछ हीरोइनों के नाम भी सामने आ जाएं। और ये साफ हो जाए कि पर्दे के पीछे से आखिर ये सिंडीकेट चला कौन रहा है।
ऐसे शिकार बन जाते थे नेता-अफसर
एमपी की सियासत में भूचाल लाने वाले इस हनी ट्रैप कांड में शामिल हसीनाओं की मोडस ऑपरेंडी को समझना ज़रूरी है. क्योंकि इसी में इस सिंडिकेट का राज़ भी छुपा है और बाकियों के लिए सबक भी। जो हसीनाएं सियासत और नौकरशाही के आला लोगों के कमरे तक पहुंच जाएं वो सिर्फ खूबसूरत ही नहीं हो सकतीं बल्कि उनका स्मार्ट होना भी ज़रूरी था। ये अपने शिकार को जाल में फंसाने में पूरी एहतियात बरतती थीं। इनके पास होटलों में रुकने के लिए फर्जी आईडीज़ थी। ये खुलासा तो खुद पुलिस भी कर चुकी है।
पूछताछ में पता चला कि गिरफ्तार हुई हसीनाएं और उनकी कई साथी इंदौर के होटलों में ऐसे ही फर्ज़ी तरीके से रुकती थीं। जब पड़ताल की गई तो वहां कमरे बुक कराने की पुष्टि तो हुई. मगर पुलिस के हाथ कई फर्जी पहचान पत्र के अलावा कुछ नहीं लगा। इन तमाम शिकारी हसीनाओं के पास एक दो नहीं बल्कि तीन से भी ज़्यादा फर्ज़ी आईकार्ड थे. ताकि उनकी पहचान कभी उजागर न हो सके।
बीजेपी की नेता है एक हसीना
पुलिस को इन ब्लैकमेलर हसीनाओं के पास से एक दो नहीं बल्कि पूरे 90 ऐसे वीडियो मिले हैं. जिनमें सियासत दानों से लेकर ब्यूरोक्रेट तक की गंदी बातें रिकार्ड हैं। इसके अलावा इन शिकारी महिलाओं के पास से 8 सिम कार्ड्स भी मिले हैं। जिनका रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है. पुलिस को जांच में ये भी पता चला है कि हनीट्रैप कांड में पकड़ी गई एक हसीना तो बीजेपी के शासनकाल में किशोर न्यायालय बोर्ड की सदस्य और बाल कल्याण समिति की सदस्य भी रह चुकी है।
अभी तो ये शुरूआत है. पुलिस को पूरा यकीन है कि इस सिंडीकेट में सिर्फ इतनी ही हसीनाएं नहीं हैं। बल्कि हसीनाओं का पूरा नेक्सेस हो सकता है. मुमकिन है कि ये एमपी की रहने वाली भी ना हों. बस वक्त वक्त पर उन्हें भोपाल, इंदौर और एमपी के दूसरे बड़े शहरों में लाया जाता रहा हो. और वो अपना काम करने के निकल जाती हों. कुछ और हसीनाओं के तो फोन नंबर भी पुलिस को मिल गए हैं. वहीं पकड़ी गई महिलाओं से बरामद मोबाइल, लैपटॉप और उनके सोशल अकाउंट से भी कई बड़े राज खुल रहे हैं।
ऐसे खुला रैकेट का राज
इंदौर के जिस इंजीनियर हरभजन सिंह की ब्लैकमेलिंग की एफआईआर के बाद से ये मामला खुलना शुरू हुआ. उसे फंसाने के लिए भी होटल में कमरा लिया गया था। उस कमरे में हरभजन सिंह के आने से पहले एक हसीना ने बिना सिम के आई-फोन को टेबल पर रख दिया था। ताकि ऐसा लगे जैसे उसे चार्जिंग पर लगाया गया है। और चुपके से उसका वीडियो मोड ऑन कर दिया गया था। फिर वो सबकुछ रिकॉर्ड हुआ जो वो करना चाहती थीं।.
पुलिस को अब तक ऐसे कई वीडियो मिल चुके हैं। एक तरफ पुलिस जांच हनी ट्रैप मामले की जांच कर रही है। तो वहीं दूसरी तरफ आयकर विभाग भी इस मामले में करोड़ों रुपये के लेन-देन की बात सामने आने के बाद आंखें गड़ाए हुए है। लिहाज़ा पकड़ी गई महिलाओं के पुराने रिकार्ड और लेन-देन की छानबीन भी की जा रही है।