इमरान का कबूलनामा, बोले- आतंकवाद पर अमेरिका से हाथ मिलाना इतिहास की सबसे बड़ी भूल

pakistan pm imran khan  file pic

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि अमेरिका के नेतृत्व में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में शामिल होना उनके देश की इतिहास की सबसे बड़ी गलती थी।  इस बीच बता दे कि पाक के प्रधानमंत्री इमरान खान ने माना कि खूंखार आतंकी संगठन अल कायदा की ट्रेनिंग उनके ही देश में हुई थी। यह आतंकवाद पर पाकिस्तान के सबसे बड़े कबूलनामों में एक है। ओसाम बिन लादेन के नेतृत्व वाले आतंकवादी संगठन अल कायदा ने ही 9/11 जैसी भयावह आतकंवादी वारदात को अंजाम दिया था। बता दे एक कार्यक्रम में इमरान खान अमेरिका पर ही बरस पड़े। इतना ही नहीं इमरान ने ये भी माना कि अमेरिका के कहने पर पाकिस्तान ने अलकायदा को ट्रेनिंग दी है।

दरअसल, न्यूयॉर्क में काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशन (CFR) में बोलते हुए इमरान खान ने कहा कि 9/11 आतंकी हमले पर पाकिस्तान ने अमेरिका का विश्वास किया, उनकी मदद की लेकिन ये पाकिस्तान की सबसे बड़ी भूल साबित हुई। इससे पाक की अर्थव्यवस्था को 200 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ। उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका पिछले 19 सालों से अफगानिस्तान में असफल रहा तो यह पूरी संभावना है कि यह अगले 19 सालों में शायद ही विजयी होगा।

जियो न्यूज के मुताबिक जम्मू-कश्मीर की मौजूदा स्थिति के बारे में चर्चा करते हुए इमरान खान ने कहा कि विश्व समुदाय को कश्मीर घाटी में कर्फ्यू हटाने के लिए भारत को कहना चाहिए।

उन्होंने कहा कि वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) द्वारा पाकिस्तान को काली सूची में डालने की कोशिशों के कारण भारत के नापाक इरादे स्पष्ट हो चुके हैं। इमरान खान ने कहा कि पिछली सरकारें आर्थिक संकट का हल खोजने में विफल रहीं ,जिसके कारण मौजूदा सरकार को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) पर निर्भर रहना पड़ा। उन्होंने कहा कि चीन, सऊदी अरब एवं संयुक्त अरब अमीरात ने संकट के समय , विशेष रूप से अर्थव्यवस्था में सुधार करने में पाकिस्तान की मदद की।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब उनकी पार्टी सत्ता में आई थी, तब देश की आर्थिक स्थिति काफी खराब थी और चीन मदद करने वाला पहला देश था। उन्होंने कहा कि पड़ोसी अफगानिस्तान से रूस (पूर्व सोवियत संघ) की वापसी के बाद अमेरिका ने पाकिस्तान को अकेला छोड़ दिया था। उन्होंने कहा कि 9/11 के बाद अमेरिका को फिर से पाकिस्तान की मदद की जरूरत महसूस हुई।

तीन महीने में इमरान का दूसरा बड़ा कबूलनामा
अल कायदा और इसके चीफ ओसामा बिन लादेन पर पाकिस्तान की ओर से पिछले तीन महीने में यह दूसरा बड़ा कबूलनामा है। खान ने जुलाई में कहा था कि पाकिस्तान को ओसामा की मौजूदगी का पता था। पाकिस्तान के पीएम ने कहा था कि वहां की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने सीआईए को ओसामा के बारे में बताया था। उसी जानकारी के आधार पर अमेरिका ने उसे ढूंढकर मार गिराया। ओसामा को अमेरिका ने 2 मई, 2011 की आधी रात को बेहद गुप्त ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान में घुसकर मारा था।

ISI ने दुनियाभर के मुसलमानों को बुलाकर बनाया आतंकवादी: इमरान
ट्रंप की ओर इशारा करते हुए इमरान ने कहा कि वर्ल्ड लीडर यह नहीं समझते हैं कि पाकिस्तान में कट्टरता कैसे आई। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने 1980 में अमेरिका की मदद से सोवियत संघ के खिलाफ जेहाद छेड़ा था। उन्होंने कहा, ‘अमेरिका की मदद से ISI ने दुनियाभर के मुस्लिम देशों से आतंकियों को बुलाकर ट्रेनिंग दी ताकि वे सोवियत यूनियन के खिलाफ जेहाद कर सकें।’ इमरान ने कहा तब अमेरिकी राष्ट्रपति रॉनल्ड रीगन ने उन्हें वॉशिंगटन बुलाया और उनकी शान में कसीदे पढ़े थे।

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