इस देश के पास दुनिया की सबसे मजबूत करेंसी, ₹ के मुकाबले इतनी मजबूत

दुनिया में लगभग 180 मान्यता प्राप्त करेंसी हैं, कुवैती दीनार (KWD) सबसे मजबूत (Most Expensive Currency) है। कुवैत के विशाल तेल भंडार इसकी उच्च वैल्यू का कारण हैं। एक कुवैती दीनार 290.69 भारतीय रुपये के बराबर है, जो इसे रुपये से काफी मजबूत बनाता है। डॉलर के मुकाबले भी कुवैती दीनार मजबूत है। कुवैत का तेल निर्यात, कम आबादी और समझदारी भरी वित्तीय नीतियां इसकी ताकत के मुख्य कारण हैं।

दुनिया भर में लगभग 180 मान्यता प्राप्त करेंसी इस्तेमाल होती हैं। हालांकि ये संख्या इस बात पर निर्भर करती है कि किसे गिना जा रहा है (जैसे, पेग्ड करेंसी या किसी क्षेत्र की करेंसी)। हालांकि लगभग 200 देश हैं, लेकिन कई देश यूरो जैसी करेंसी शेयर करते हैं या किसी दूसरे देश की करेंसी इस्तेमाल करते हैं। इसलिए करेंसियों की संख्या देशों की संख्या से कम है।

पर क्या आप जानते हैं कि दुनिया की सबसे मजबूत करेंसी कौन सी है और भारत का रुपया उसके मुकाबले कितना ताकतवर है? आइए हम बताते हैं।

दुनिया की सबसे मजबूत करेंसी कौन-सी?

कुवैती दीनार (KWD) दुनिया की सबसे महंगी और सबसे ज्यादा वैल्यू वाली करेंसी है। इसकी मजबूती मुख्य रूप से कुवैत के विशाल तेल भंडार के कारण है, जो देश की दौलत और आर्थिक स्थिरता में बहुत ज्यादा योगदान देते हैं।

रुपये के मुकाबले कुवैती दीनार कितना मजबूत?

भारतीय रुपये के मुकाबले कुवैती दीनार काफी मजबूत है। 1 कुवैती दीनार इस समय 290.69 रुपये के मुकाबले है। इस तरह भारत के 30 हजार रुपये सिर्फ 103.20 कुवैती दीनार के बराबर हैं।

डॉलर के मुकाबले कुवैती दीनार कितना मजबूत?

डॉलर के मुकाबले भी कुवैती दीनार मजबूत है। 1 कुवैती दीनार 3.27 अमेरिकी डॉलर के बराबर है।

क्यों है कुवैती दीनार इतना मजबूत?

कुवैती दीनार दुनिया की सबसे महंगी और सबसे मजबूत करेंसी है। इसकी मजबूती के मुख्य कारणों में कुवैत का तेल का एक बड़ा ग्लोबल एक्सपोर्टर होना, कम आबादी और समझदारी भरी वित्तीय नीतियां शामिल हैं।

विशाल तेल भंडार : कुवैत के पास दुनिया के सबसे बड़े तेल भंडार हैं और तेल निर्यात देश की ज्यादातर कमाई का जरिया है।

करेंसी पेग : कुवैत का सेंट्रल बैंक दीनार की वैल्यू को फ्री-फ्लोट होने देने के बजाय, उसे इंटरनेशनल करेंसी (जिसमें USD, EUR, और GBP शामिल हैं) की वेटेड बास्केट से जोड़कर मैनेज करता है। यह रणनीति स्थिरता बनाए रखने और बाजार में अचानक होने वाले उतार-चढ़ाव को रोकने में मदद करती है।

आर्थिक स्थिरता और कम महंगाई : एक स्थिर राजनीतिक माहौल, कम महंगाई दर और पब्लिक कर्ज की कमी (तेल की दौलत के कारण) करेंसी में निवेशकों का भरोसा बनाने में मदद करते हैं।

प्रति व्यक्ति ज्यादा इनकम : तेल की बड़ी दौलत और तुलनात्मक रूप से कम आबादी को देखते हुए, प्रति व्यक्ति ज्यादा इनकम करेंसी की कुल मजबूती में योगदान देती है।

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