हनीट्रैप: इंजीनियर हरभजन सिंह को किया गया सस्पेंड, अब एसआईटी करेगी जांच

मध्यप्रदेश के हाई प्रोफाईल हनीट्रैप मामले में ब्लैकमेलर महिलाओं के खिलाफ शिकायत करने वाले इंजीनियर हरभजन सिंह को महापौर मालिनी गौड़ के निर्देश के बाद निलंबित कर दिया गया है। राज्य शासन द्वारा सोमवार को निर्देश जारी कर दिये गये हैं। वहीं, इधर भोपाल पुलिस मुख्यालय से सोमवार को मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है, जो इस मामले की बारीकी से जांच करेगी। इसके प्रमुख सीआईडी के आईजी डी. श्रीनिवास वर्मा को बनाया गया है। इधर इस हनीट्रैप मामले की सीबीआई से जांच करवाने को लेकर सोमवार को हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में दो याचिकाएं दायर हुई हैं।

उल्लेखनीय है कि इंदौर नगर निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह द्वारा पुलिस में शिकायत करने के बाद हनीट्रैप मामले का खुलासा हुआ था। आरोपित महिलाओं ने हरभजन सिंह से तीन करोड़ रुपये की मांग की थी। पुलिस ने हरभजन की शिकायत के बाद रकम लेने के लिए आरोपित महिलाओं को इंदौर बुलाया था और रकम लेने पहुंची आरती दयाल और मोनिका यादव को गिरफ्तार किया था। इसके बाद भोपाल में बड़ी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने तीन अन्य महिलाओं श्वेता विजय जैन, श्वेता स्वप्निल जैन और बरखा भटनागर सोनी को गिरफ्तार कर उनके पास से मोबाइल, लैपटॉप और नगदी बरामद की थी। इस मामले में रविवार को ही इंदौर महापौर मालिनी गौड़ ने नगरीय विकास मंत्री जयवर्धन से बात कर इंजीनियर हरभजन सिंह को हटाने की मांग की थी। सोमवार को नगरीय विकास विभाग द्वारा उन्हें सस्पेंड कर दिया गया।

इधर, हनीट्रैप मामले की जांच के लिए सोमवार को पुलिस मुख्यालय ने आईजी (सीआईडी) श्रीनिवास वर्मा के नेतृत्व में एसआईटी गठित कर दी। मंगलवार से इस पूरे मामले की जांच एसआईटी करेगी। इससे पहले सोमवार को भोपाल ले जाने से पहले आरोपित आरती दयाल की तबीयत बिगडऩे पर उसे एमवाय अस्पताल में आईसीयू में भर्ती कराया गया है, जबकि पुलिस मोनिका यादव को आगे की जांच के लिए पुलिस भोपाल लेकर आई है।

इसके अलावा इस हाई प्रोफाईल हनीट्रैप मामले की सीबीआई से जाँच करवाने को लेकर सोमवार को हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में दो याचिकाएं दायर हुई हैं। स्थानीय नागरिक दिग्विजय भंडारी ने वकील मनोहर दलाल के माध्यम से एक याचिका दायर की है, जिसमें मांग की गई है कि मामले से जुड़े सभी वीडियो, सीडी, मोबाइल, कंप्यूटर, लैपटॉप और सीसीटीवी फुटेज को तत्काल कोर्ट की देख-रेख में ले लिया जाए। मामला हाई प्रोफाइल है, इसलिए सबूतों के साथ छेड़छाड़ हो सकती है, यहां तक उन्हें नष्ट भी किया जा सकता है। इसी प्रकार एक अन्य याचिका विपिन शर्मा नामक व्यक्ति ने वकील नरेन्द्र कुमार जैन के माध्यम से दायर की गयी है, जिसमें इंदौर नगर निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह को आरोपित बनाने की मांग की गई है। दोनों याचिकाओं में मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की गई है।

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