हिजाब विवाद: डॉ. नुसरत परवीन की ज्वाइनिंग पर संशय, संविदा नौकरी या पीजी में से एक चुनना होगा

हिजाब विवाद से चर्चा में आईं डॉ. नुसरत परवीन की ज्वाइनिंग को लेकर संशय बना हुआ है। प्रशासन के अनुसार, वह फिलहाल पटना के राजकीय तिब्बी कॉलेज अस्पताल में तीन वर्षीय पीजी कोर्स की छात्रा हैं और नियमों के तहत नौकरी और पीजी साथ-साथ नहीं कर सकतीं।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हिजाब उठाने के विवाद से चर्चा आईं डॉ नुसरत परवीन के ज्वाइन करने को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। शनिवार को उन्होंने पटना सदर प्रखंड के सबलपुर स्थित अपने पदस्थापन स्थल पर ज्वाइन नहीं किया। इसकी वजह यह बताया जा रहा है कि डॉ. नुसरत फिलहाल पोस्ट ग्रेजुएट की नियमित छात्रा हैं और एक साथ नौकरी व पीजी कोर्स करना नियमों के तहत संभव नहीं है। ऐसे में उन्हें एक का चयन करना होगा।

फिलहाल परवीन राजकीय तिब्बी कॉलेज अस्पताल, पटना में तीन वर्षीय पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स कर रही हैं। कॉलेज प्रशासन के मुताबिक उनकी बायोमेट्रिक उपस्थिति भी दर्ज की जा रही है। दरअसल पहले यह कहा जा रहा था कि वह इस घटना से आहत हैं।

नीतीश पिता समान, इस पर सियासत ठीक नहीं: आरिफ

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के महिला डॉक्टर नुसरत परवीन का हिजाब उठाने को लेकर विवाद पर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि यह कोई विवाद नहीं है। राज्यपाल ने कहा कि नीतीश उस महिला डॉक्टर के पिता समान हैं और इस पर सियासत ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि वे मुख्यमंत्री का बचाव नहीं कर रहे हैं, लेकिन जिस तरह इस घटना को राजनीतिक रंग दिया गया, उससे उन्हें गहरा दुख हुआ है। इसे मानवीय नजरिये से देखा जाना चाहिए। खान ने परवीन को नौकरी ज्वाइन करने की सलाह दी।

झारखंड के मंत्री ने नुसरत को नौकरी और फ्लैट देने की पेशकश की: झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने नकाब विवाद के मद्देनजर महिला डॉक्टर नुसरत को 3 लाख रुपये मासिक वेतन पर मनचाही पोस्टिंग और सरकारी फ्लैट देने की पेशकश की है।

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