ट्रंप ने कहा- हर चीज का असर होता है, भारत पर लगाए भारी टैरिफ से मिलने को तैयार हुए होंगे पुतिन

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक साक्षात्कार में संकेत दिया कि भारत पर लगाए गए भारी टैरिफ की वजह से रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन उनसे मिलने के लिए सहमत हुए होंगे। ट्रंप ने कहा, ‘जब आप अपना दूसरा सबसे बड़ा ग्राहक खो देते हैं और संभवत: अपना पहला सबसे बड़ा ग्राहक भी खोने वाले हैं, तो मुझे लगता है कि शायद इसकी भी भूमिका होगी।’
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत पर लगाए गए भारी टैरिफ की वजह से रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन उनसे मिलने के लिए तैयार हुए होंगे। उन्होंने कहा, हर चीज का असर होता है। ट्रंप ने दावा किया किया कि इन शुल्कों ने भारत को रूस से तेल खरीदने में मुश्किल पैदा कर दी है।
अगस्त की शुरुआत में, ट्रंप ने भारत द्वारा रूसी तेल की लगातार खरीद के विरोध में भारतीय सामानों पर और भी ज्यादा टैरिफ लगाने का आदेश दिया था। ट्रंप के इस आदेश के चलते कई उत्पादों पर टैरिफ 50 फीसदी हो गया, जो किसी भी अमेरिकी व्यापारिक साझेदार के लिए सबसे ज्यादा है।
ट्रंप ने बताया- उनसे मिलने को क्यों तैयार हुए पुतिन
ट्रंप ने एक साक्षात्कार में इस बात का संकेत दिया कि पुतिन के मिलने पर सहमत होने में भारत पर लगाए गए शुल्कों की संभवत: भूमिका रही होगी। ट्रंप ने आगे कहा, ‘जब आप अपना दूसरा सबसे बड़ा ग्राहक खो देते हैं और संभवत: अपना पहला सबसे बड़ा ग्राहक भी खोने वाले हैं, तो मुझे लगता है कि शायद इसकी भी भूमिका होगी।’
चीन के मुकाबले अमेरिका का अहम साझेदार है भारत
अमेरिका के लिए भारत चीन के मुकाबले एक अहम साझेदार है, लेकिन अमेरिका के साथ भारत के बड़े व्यापार अधिशेष और रूस के साथ घनिष्ठ संबंधों की वजह से ट्रंप ने भारत को अपने टैरिफ अभियान का बड़ा निशाना बनाया, क्योंकि ट्रंप रूस पर यूक्रेन के साथ शांति समझौते का दबाव बना रहे हैं। हालांकि, भारत ने टैरिफ को अनुचित और बेवजह करार दिया है। भारत ने कहा है कि वो अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा।
ट्रंप की सबसे बड़ी प्राथमिकता तुरंत शांति समझौता
ट्रंप से जब पूछा गया कि क्या वो रूस को यूक्रेन में युद्ध रोकने के लिए कोई आर्थिक लालच देंगे, तो उन्होंने कहा कि वो अपनी रणनीति सार्वजनिक नहीं करेंगे। उन्होंने बार-बार कहा कि उनकी सबसे बड़ी प्राथमिकता ‘तुरंत शांति समझौता’ है। अगर इस बैठक से कुछ नतीजा निकला, तो वो तुरंत यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से फोन कर बात करेंगे और उन्हें वहीं बुलाएंगे जहां मुलाकात होगी।
ट्रंप ने कहा- जो बाइडन से विरासत में मिला यूक्रेन युद्ध
ट्रंप ने कहा कि अलास्का शिखर सम्मेलन का मुख्य मकसद जेलेंस्की के साथ दूसरी बैठक तय करना है, ताकि कोई समझौता हो सके। ट्रंप ने इसकी तुलना ‘शतरंज के खेल’ से की। ट्रंप दावा किया कि उन्होंने इस साल छह युद्ध रुकवाए हैं। ट्रंप ने आगे कहा, ‘यूक्रेन मेरे लिए आसान युद्धों में से एक होने वाला था, लेकिन यह सबसे मुश्किल निकला। यह मुझे जो बाइडन से विरासत में मिला है।’
2021 के बाद पहली बार मिलेंगे अमेरिका और रूस के नेता
ट्रंप शुक्रवार (स्थानीय समयानुसार) को अलास्का में रूसी राष्ट्रपति पुतिन की मेजबानी करेंगे। ट्रंप का कहना है कि यह रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म करने के लिए एक ‘अनुभव-आधारित’ बैठक होगी। यह 2021 के बाद पहली बार होगा जब अमेरिका और रूस के शीर्ष नेता मिलेंगे। पुतिन ने पहले अमेरिकी शांति पहल का विरोध किया था, लेकिन अब अचानक रुख बदल दिया है।