नेतन्याहू बोले- राष्ट्रपति पद छोड़ें, इस्राइल ईरान की मदद करेगा

इस्राइल-ईरान के तनाव के बीच ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान ने इस्राइली पीएम नेतन्याहू के जल संकट में मदद के प्रस्ताव का मजाक उड़ाया है। उन्होंने कहा कि जो गाजा को पानी नहीं देता, वो ईरान को क्या देगा। पेजेशकियान ने गाजा की स्थिति को क्रूर घेरेबंदी का नतीजा बताया।

इस्राइल और ईरान के बीच बीते दिनों परमाणु कार्यक्रम को लेकर संघर्ष देखने को मिला। बात अगर वर्तमान स्थिति की करें तो दोनों देशों के रिश्ते में तल्खियां अभी भी बरकरार है। ऐसे में ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान ने बुधवार को इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के उस प्रस्ताव का मजाक उड़ाया, जिसमें उन्होंने ईरान के जल संकट को हल करने में मदद की पेशकश की थी। पेजेशकियान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि जो शासन गाजा के लोगों को पानी और खाना नहीं देता, वह कहता है कि ईरान को पानी देगा? ये सिर्फ एक मृगतृष्णा है, इससे ज्यादा कुछ नहीं।

गाजा स्थिति पर क्या बोले ईरानी राष्ट्रपति?
तेहरान में हुई कैबिनेट मीटिंग में पेजेशकियान ने कहा कि जो लोग झूठी हमदर्दी दिखा रहे हैं, उन्हें पहले गाजा की स्थिति देखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गाजा के मासूम बच्चे भूख, दवाओं और साफ पानी की कमी से जूझ रहे हैं और यह सब एक क्रूर घेरेबंदी का नतीजा है।

क्या कहा था इस्राइली पीएम नेतन्याहू ने?
अब बात अगर इस्राइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के प्रस्ताव और बयान की करें तो मंगलवार को एक वीडियो संदेश में नेतन्याहू ने ईरान के लोगों से कहा था कि जब वे मौजूदा सरकार से मुक्त हो जाएंगे, तब इस्राइल ईरान की पानी की समस्या हल करने में मदद करेगा। नेतन्याहू का यह बयान कई इस्राइल मीडिया संस्थानों में प्रकाशित हुआ।

अब समझिए संघर्ष से राजनीतिक तकरार तक का सफर
इस्राइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू और ईरानी राष्ट्रपति पेजेशकियान के बीच की ये बयानबाजी ऐसे समय में हो रही है जब ईरान और इस्राइल के बीच हालिया सैन्य संघर्ष में हजारों लोग मारे गए थे। जून में इस्राइल के हवाई हमलों में लगभग 1,100 ईरानी नागरिकों और सैन्य अधिकारियों की मौत हुई थी, जिसके जवाब में ईरान के हमलों में 28 इस्राइली मारे गए थे।

ईरान में गंभीर जल संकट
बता दें कि ईरान इन दिनों गंभी जल संकट से गुजर रहा है। इसके बारे में पेजेशकियान ने हाल ही में एक बैठक में कहा था कि हमारे पास न जमीन के नीचे पानी है, न बांधों में पानी है। तो बताइए, हम करें तो क्या करें? उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर और कल्पना से परे संकट है। उनकी सरकार इस मुद्दे के समाधान के लिए विशेषज्ञों से संपर्क में है। विशेषज्ञों के अनुसार, वर्षों की सूखा और जल प्रबंधन की विफलता ने इस संकट को जन्म दिया है।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker