गोरखपुर चिड़ियाघर: शेर पटौदी भी अब बीमार…कानपुर चिड़ियाघर में होगा इलाज

शुक्रवार को वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने चिड़ियाघर के निरीक्षण के दौरान पटौदी को भी देखा। इसके बाद बेहतर इलाज के लिए इसे कानपुर चिड़ियाघर भेजने का निर्णय हुआ। शनिवार रात में उसे कानपुर भेज दिया गया।

गोरखपुर चिड़ियाघर में करीब एक माह से बीमार बब्बर शेर पटौदी को शनिवार की रात कानपुर चिड़ियाघर भेज दिया गया। वहीं, पर उसका इलाज होगा। प्रदेश के वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अरुण कुमार सक्सेना से निर्देश मिलने के बाद इस शेर को कानपुर भेजने का फैसला हुआ।

बब्बर शेर की औसत उम्र 15 से 16 वर्ष होती है। पटौदी करीब 15 वर्ष का हो गया है। ऐसे में उम्र के साथ उसकी खुराक भी कम हो गई है। उसका महीने भर से इलाज चल रहा है। इंडियन वेटनेरी रिसर्च इंस्टीट्यूट (आईवीआरआई) बरेली की टीम ने भी इसका इलाज किया।

शुक्रवार को वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने चिड़ियाघर के निरीक्षण के दौरान पटौदी को भी देखा। इसके बाद बेहतर इलाज के लिए इसे कानपुर चिड़ियाघर भेजने का निर्णय हुआ। शनिवार रात में उसे कानपुर भेज दिया गया।

पटौदी काफी कमजोर हो गया है, जिस वजह से उसे बिना हड्डी वाला मीट ही दिया जा रहा है। आमतौर पर बब्बर शेर को गर्मी में 10 से 12 किलो मीट दिया जाता है, लेकिन पटौदी केवल चार से पांच किलो मीट ही खा रहा है।

शेरनी मरियम की मौत के बाद रहता है गुमसुम
चिड़ियाघर में पिछले साल शेरनी मरियम की मौत हो गई थी। उसके बाद से ही बब्बर शेर पटौदी काफी गुमसुम रहता है। साथी के जाने के बाद वह ज्यादातर समय बाड़े के कोने में पड़े रहता है। बता दें कि चिड़ियाघर में फरवरी 2021 में इटावा लायन सफारी से बब्बर शेर पटौदी और शेरनी मरियम को लाया गया था।

पटौदी को गुजरात के शक्करबाग से इटावा लाया गया था। इसे पहले जंगल से पकड़ा गया था। इटावा सफारी में दोनों में नजदीकियां भी बढ़ गई थीं। वहीं इसकी जोड़ी मरियम के साथ बनाई गई थी। गोरखपुर आने के बाद दोनों एक-दूसरे को देखते रहते थे।

पटौदी की उम्र करीब 15 वर्ष है। मरियम (17) इससे बड़ी थी। वह प्रदेश की सबसे उम्रदराज शेरनी थी। उम्र ज्यादा होने पर उसकी तबीयत खराब रहने लगी और दो अप्रैल 2024 को उसकी मौत हो गई।

पटौदी को बेहतर इलाज के लिए कानपुर चिड़ियाघर भेजा गया है। आईवीआरआई की टीम ने भी उसका इलाज किया और कानपुर भेजने का सुझाव दिया: विकास यादव, निदेशक, चिड़ियाघर

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