लखनऊ-उन्नाव बेल्ट बनेगा प्रदेश का इंडस्ट्रियल हब, 25 हजार करोड़ के निवेश का रास्ता खुला

यूपी में एक नया इंडस्ट्रियल हब बनने को तैयार है। लखनऊ-उन्नाव के बीच बनने वाले इस हब के जरिए 25 हजार करोड़ के निवेश का रास्ता खुलेगा।

लखनऊ-उन्नाव के बीच नया औद्योगिक गढ़ बनने का रास्ता साफ हो गया। अवस्थापना और औद्योगिक विकास विभाग लैंड बैंक का संकट दूर करने के लिए लखनऊ- उन्नाव को इंडस्ट्रियल हब के रूप में विकसित करेगा। शुक्रवार को यूपीसीडा के मास्टरप्लान-2041 को सरकार की मंजूरी मिलने के बाद लॉजिस्टिक, वेयरहाउस सहित तमाम उद्योगों के लिए निवेश की नई जमीन का रास्ता खुल गया। अकेले इस बेल्ट में ही 25 से 30 हजार करोड़ का संभावित निवेश होगा।

नए मास्टरप्लान-2041 के तहत 30767 हेक्टेयर क्षेत्र में नए औद्योगिक क्षेत्र का विकास किया जाएगा। मास्टर प्लान क्षेत्र एनएच-27 और एनएच-230 के साथ फैला हुआ है। अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास के प्रमुख सचिव आलोक कुमार और यूपीसीडा के सीईओ मयूर महेश्वरी के मुताबिक यह क्षेत्र एनएच के साथ वेयरहाउसिंग और औद्योगिक विकास के उभरते रुझानों और पैटर्न को पूरा करेगा।

अधिसूचित क्षेत्र में लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे और गंगा एक्सप्रेसवे के साथ आगामी बुनियादी ढांचे का विकास होगा। मयूर महेश्वरी ने बताया कि इस क्षेत्र को पांच जोन में बांटा गया है। जोन-ए मिश्रित विकास, जोन-बी आवासीय विकास, जोन-सी वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक्स विकास के लिए, जोन डी नवाबगंज पक्षी अभयारण्य के पास मिश्रित विकास के लिए और जोन ई गंगा एक्सप्रेसवे के पास औद्योगिक और वेयरहाउसिंग के लिए होगा।

लॉजिस्टिक्स सुविधाओं का होगा विकास
प्रमुख सचिव आलोक कुमार के मुताबिक मास्टर प्लान-2041 क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के कारण वेयरहाउसिंग और औद्योगिक विकास की उभरती मांग को पूरा करेगा। मास्टर प्लान 2041 को टिकाऊ बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा देने, एक सहायक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने, एक कुशल रसद प्रणाली विकसित करने और जल योजना को शामिल करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है।

लखनऊ-उन्नाव औद्योगिक क्षेत्र एक्सप्रेसवे नेटवर्क के साथ वेयरहाउस और लॉजिस्टिक्स सुविधाओं का विकास करेगा। उद्योगों, वेयरहाउस, आईटी और आईटीईएस क्षेत्र में रोजगार की मांग पूरा करने के लिए संस्थानों का विकास करेगा। बढ़ती आबादी के लिए आवास की मांग को पूरा करेगा। नवाबगंज पक्षी अभयारण्य और पर्यटन के साथ पर्यावरण के अनुकूल विकास करेगा।

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