काशीवासियों को जल्द मिलेंगी रोपवे, हेलिपोर्ट जैसी सुविधाएं, सड़कों का बिछेगा जाल

काशीवासियों को जल्द ही रोपवे, हेलिपोर्ट, स्काईवॉक जैसी सुविधाएं मिलेंगी। काशी न केवल पर्यटकों को रिझाएगी, बल्कि यहां रहने वालों की सुविधाओं में चार चांद लगाएगी।

बीते दो दशक में बनारस विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है। विकास की यह यात्रा निरंतर आगे बढ़ रही है। शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, पर्यटन के क्षेत्र में खूब काम हुआ है। जल्द ही रोपवे, हेलिपोर्ट, स्काई वॉक जैसी कई सुविधाएं भी मिलने लगेंगी। इन्हीं सुविधाओं के चलते काशी विश्व फलक पर चमक उठेगी।

पब्लिक ट्रांसपोर्ट के रूप में रोपवे चलाने वाले देश के पहले शहर के रूप में काशी न केवल पर्यटकों को रिझाएगी, बल्कि यहां रहने वालों की सुविधाओं में चार चांद लगाएगी। इसका संचालन बनारस कैंट रेलवे स्टेशन से गिरिजाघर तक हो सकेगा। काशी विश्वनाथ धाम का भव्य स्वरूप भी इस साल सामने आया है।

पूर्वांचल की पहली सिग्नेचर बिल्डिंग और उस पर स्काई वॉक काशी के विकास की ऊंची इबारत लिखेंगे। पतित पावनी गंगा में एक साथ चार क्रूज दुनिया भर के सैलानियों को गंगा की लहरों में आध्यात्म के साथ पर्यटन का लुत्फ उठा रहे हैं। जल और थल के बाद नभ की सवारी के लिए तैयारी चल रही है। मंडलायुक्त कार्यालय में 225 करोड़ रुपये से पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के जरिए बनने वाली सिग्नेचर बिल्डिंग और स्काई वॉक की आधारशिला भी रखी जाएगी। सिग्नेचर बिल्डिंग डमरू के आकार का होगा।

सड़कों का जाल बिछेगा, सिक्सलेन से होगी पहचान
रिंग रोड के निर्माण के बाद शहर की सड़कों को भारी वाहनों से राहत मिली है। अब काशी के प्रवेश द्वार रोहनिया से लहरतारा तक सिक्सलेन का निर्माण पूरा होने वाला है। इससे शहर की नई पहचान बनेगी। करीब 400 करोड़ की इस परियोजना के साथ ही चांदपुर से भदोही, प्रयागराज मार्ग के सिक्सलेन होने से शहरवासी आसानी से रिंग रोड पर पहुंच रहे हैं।

लहरतारा से बीएचयू तक फोरलेन पूरी शहर को जाम से निजात दिला रहा है। फुलवरिया फोरलेन के रूप में मिली सौगात से शहर के दो प्रवेश द्वार भी एक साथ जुड़ गए हैं। लहरतारा सिक्सलेन को बाबतपुर मार्ग से जोड़ने वाली यह सड़क व फ्लाईओवर पुरानी काशी के लोगों का वरुणा पार से जुड़ाव मजबूत कर रहा है। यहां से कचहरी, शिवपुर सहित अन्य क्षेत्रों में जाना बेहद आसान हो गया है।

घाटों के सुंदरीकरण से रीझ रहे दुनिया भर के सैलानियों को काशी में पर्यटन के नए केंद्र मिले हैं। अस्सी से संत रविदास घाट को जोड़ने वाला ब्रिज और गंगा व्यूइंग गैलरी के साथ ही खिड़किया घाट पर आधुनिक सुविधाएं पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं।

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