हरिद्वार में मदरसों पर कार्रवाई हरीश रावत को नहीं आई पसंद, धामी सरकार पर जताई नाराजगी

हरिद्वार में मंगलवार को गैर पंजीकृत मदरसों को सील कर दिया गया। धामी सरकार के इस ऐक्शन से उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत नाराज हैं। उन्होंने इस कार्रवाई पर नाराजगी जताते हुए कहा कि कम से कम ईद तक तो रुक जाते। प्रशासन का क्रूर चेहरा देखा जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि मदरसों पर इस तरह की कार्रवाई से प्रदेश की छवि खराब होगी।

मदरसों के खिलाफ कार्रवाई पर पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता हरीश रावत ने कहा कि उन्होंने जो खेल शुरू किया है,मदरसों को स्वीकार कर लिया गया है। एक मदरसा बोर्ड है,उत्तराखंड सरकार के अपने लोग बोर्ड में हैं। 2016 के बाद किसी भी मदरसे को मंजूरी नहीं दी गई,उन्होंने या तो अस्वीकार नहीं किया, अचानक उन्होंने उन्हें अवैध घोषित कर दिया है। वे छात्रों के लिए क्या व्यवस्था कर रहे हैं। प्रशासन का क्रूर चेहरा दिख रहा है,सीएम को ईद तक इंतजार करना चाहिए था। मौलवी कार्रवाई पर रोक लगाने का अनुरोध करने के लिए डीएम के पास दौड़ रहे हैं,लेकिन प्रशासन लाचारी दिखा रहा है।

धामी सरकार पर हमल जारी रखते हुए हरीश रावत ने कहा कि शिक्षा विभाग की एक रिपोर्ट है,जिसमें कहा गया है कि स्कूलों की कमी के कारण हिंदू छात्र मदरसों में जा रहे हैं। लोग सीएम से उपलब्धियां पूछ रहे थे,अब यह उनकी कार्रवाई दिखाना है। हम विरोध करते हैं क्योंकि इससे हमारे राज्य की छवि खराब होगी। बता दें कि मंगलवार को हरिद्वार में प्रशासन ने 5 मदरसों को सील कर दिया था। इन पर आरोप था कि ये बिना पंजीकरण के संचालित हो रहे थे। अब तक कुल 12 ऐसे मदरसों को सील करने की कार्रवाई की गई है।

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