कैश कांड में जस्टिस वर्मा के घर पहुंची दिल्ली पुलिस की टीम

दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास पर भारी मात्रा में कैश मिलने के मामले में दिल्ली पुलिस भी ऐक्टिव हो गई है। दिल्ली पुलिस के अधिकारी डीसीपी देवेश कुमार महला बुधवार को अपने एसीपी, पुलिस टीम और कैमरा टीम के साथ मामले की छानबीन के लिए जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास पर पहुंचे। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा के आवास से कथित रूप से अधजली नकदी मिलने के मामले में दिल्ली पुलिस को FIR दर्ज करने का निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जस्टिस वर्मा के आवास से कथित तौर पर अधजली नकदी मिलने के मामले की जांच के सिलसिले में पुलिस उपायुक्त (नई दिल्ली) के नेतृत्व में एक टीम ने बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के आवास का दौरा किया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि पुलिस टीम उस स्थान का निरीक्षण करेगी जहां आग लगी थी।
सूत्रों की मानें तो पुलिस की जांच टीम न्यायाधीश के आवास में काम करने वाले कर्मचारियों से पूछताछ कर सकती है। 22 मार्च को सीजेआई ने आरोपों की आंतरिक जांच करने के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया। यही नहीं घटना में दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय की जांच रिपोर्ट अपलोड करने का फैसला किया।
इस जांच रिपोर्ट में कैश के बड़े भंडार की कथित खोज की तस्वीरें और वीडियो शामिल थे। न्यायमूर्ति वर्मा ने आरोपों की निंदा की और कहा कि उनके या उनके परिवार के किसी सदस्य की ओर से स्टोररूम में कभी भी नकदी नहीं रखी गई थी।
इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है जिसमें जस्टिस यशवंत वर्मा के सरकारी आवास से कथित तौर पर अधजली नकदी मिलने के मामले में दिल्ली पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
इस बीच मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त जजों का तीन सदस्यीय आंतरिक पैनल ने जांच शुरू कर दी है। तीनों जज एक दिन पहले मंगलवार को दोपहर करीब एक बजे दिल्ली में जस्टिस वर्मा के 30, तुगलक क्रीसेंट स्थित आधिकारिक आवास पर पहुंचे। उन्होंने करीब 45 मिनट तक जस्टिस वर्मा के आधिकारिक आवास के भीतर घटनास्थल की गहराई से छानबीन की। अब पुलिस के ऐक्टिव होने से मामले में नया मोड़ आ गया है।