अमेरिका में भारत की खुफिया एजेंसी RAW पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश

अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग ने आरोप लगाया कि भारत में अल्पसंख्यकों के साथ बुरा व्यवहार किया जा रहा। आयोग ने भारत की जासूसी एजेंसी रॉ पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की। अमेरिकी आयोग ने सिख अलगाववादियों के खिलाफ हत्या की साजिश में खुफिया एजेंसी के शामिल होने का कथित आरोप लगाया।

भारत को विशेष चिंता वाला देश घोषित करने की भी सिफारिश

आयोग ने भारत को ‘विशेष चिंता वाला देश घोषित’ करने की सिफारिश भी की। रिपोर्ट कहा गया है कि चीन से निपटने की खातिर अमेरिका ने भारत से घनिष्ठ संबंधों को बनाने की कोशिश की। इस वजह से भारत में मानवाधिकार के मामलों को नजरअंदाज किया गया।

सिफारिश को मानना बाध्यकारी नहीं

विशेषज्ञों का मानना है कि इस बात की बहुत कम उम्मीद है कि अमेरिका भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (R&AW) पर प्रतिबंध लगाएगा। मगर अब सबकी नजरें ट्रंप प्रशासन के फैसले पर टिकी है। दरअसल, आयोग का आदेश मानना सरकार के लिए बाध्यकारी नहीं है।

पिछले साल भी आरोप लगा चुका अमेरिका

2023 में अमेरिका और कनाडा ने खालिस्तान समर्थक को निशाना बनाने का आरोप भारत पर लगाया था। अमेरिका ने आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने का आरोप एक पूर्व भारतीय अधिकारी विकास यादव पर लगाया था। कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के बयान के बाद दोनों देशों के रिश्ते में आई तल्खी अभी तक दूर नहीं हुई है।

घृणित बयानबाजी का लगाया आरोप

मंगलवार को जारी अपनी रिपोर्ट में अमेरिकी आयोग ने कहा कि 2024 में भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति और खराब हो गई, क्योंकि धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमले और भेदभाव बढ़ा। आयोग ने कथित तौर पर आरोप लगाया, “हिंदू राष्ट्रवादी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी भारतीय जनता पार्टी ने पिछले चुनाव प्रचार के दौरान “मुसलमानों और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ घृणित बयानबाजी और गलत सूचना किया।”

भारत ऐसी रिपोर्ट को पक्षपातपूर्ण बताता है। भारत का कहना है कि मोदी सरकार की हर योजना बिना भेदभाव के चल रही है। हर समुदाय को मदद दी जा रही है। आवास, बिजली और सब्सिडी समेत सभी योजनाओं का लाभ हर वर्ग को मिल रहा है।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker