मिशन-2027 को साधने के लिए CM धामी ने तैयारियां की तेज, 12 जिलों में होने वाले पंचायती चुनावों पर टिकी हैं निगाहें

उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव भले ही वर्ष 2027 में होने हैं, लेकिन राज्य की भाजपा सरकार और संगठन अभी से इसकी तैयारियों में जुट गए हैं। रविवार को धामी सरकार के चौथे वर्ष में प्रवेश करने के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसके संकेत दिए।
उन्होंने डबल इंजन के महत्व को रेखांकित किया तो हाल में हुए नगर निकाय चुनावों में ट्रिपल इंजन की सरकार बनने का उल्लेख किया। साथ ही कहा कि उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने के विकल्प रहित संकल्प को पूरा करने के लिए भविष्य में भी जनता का आशीर्वाद मिलता रहेगा। राजनीतिक गलियारों में उनके इस कथन को मिशन-2027 के लक्ष्य को साधने से जोड़कर देखा जा रहा है।
11 वर्षों के राजनीतिक परिदृश्य को देखें तो वर्ष 2014 से उत्तराखंड में भाजपा अजेय बनी हुई है। तब से लेकर अब तक के सभी चुनावों में वह विपक्ष को चारों खाने चित करती आई है। इसमें डबल इंजन सरकार की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
केंद्र से लगभग दो लाख करोड़ रुपये की विभिन्न योजनाएं उत्तराखंड को मिल चुकी हैं। इनमें से कई जल्द ही पूर्ण होने जा रही हैं। यही नहीं, भाजपा लगातार तीसरी बार राज्य की पांचों लोकसभा सीटें जीतकर इतिहास रच चुकी है तो अब उसके सामने राज्य विधानसभा के चुनाव में हैटट्रिक लगाने की चुनौती है।
इस बीच हाल में संपन्न हुए नगर निकाय चुनावों में भाजपा ने एक बार फिर परचम लहराया। निकाय चुनाव में पार्टी ने ट्रिपल इंजन का नारा दिया था, जो उसके लिए फायदेमंद रहा। अब शीघ्र ही राज्य में हरिद्वार को छोड़कर शेष 12 जिलों में पंचायत चुनाव होने हैं।
यद्यपि, ये चुनाव पार्टी चुनाव चिह्न पर नहीं होते, लेकिन इनमें समर्थित प्रत्याशी घोषित किए जाते हैं। भाजपा के नजरिये से देखें तो पंचायत चुनाव के माध्यम से वह मिशन 2027 की तैयारियों को मजबूती देगी। इसके लिए पार्टी नेतृत्व मंथन में जुटा है।
रविवार को प्रदेश की भाजपा सरकार के तीन साल पूरे होने और चौथे वर्ष में प्रवेश करने के अवसर पर आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री ने नगर निकायों में ट्रिपल इंजन की सरकार का उल्लेख किया तो देहरादून नगर निगम में मिली जीत को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि यहां की जनता राष्ट्रवादी दलों व विचारों का समर्थन करती है। साथ ही उन्होंने भविष्य के लिए भी जनता का आशीर्वाद मांगा।